Striking ST employees in Pune registered their protest by performing mundan agitation

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    पुणे : राज्यभर में एसटी कर्मचारियों (ST Employees) ने एसटी महामंडल (ST Mahamandal) को राज्य सरकार (State Government) में शामिल  करने की मांग को लेकर हड़ताल शुरू कर रखा है। राज्य सरकार द्वारा इस मसले पर उचित रास्ता निकालने का भरोसा दिए जाने के बावजूद हड़ताल (Strike) जारी है और कर्मचारी हड़ताल पर अड़े है।

    इसके चलते बीच एसटी महामंडल द्वारा कर्मचारियों को निलंबित किया जा रहा है। अब तक 900 से अधिक कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है। इसके बावजूद कर्मचारी अपनी हड़ताल पर अड़े है। कई जिलों में इस मांग को लेकर हड़ताल के साथ आंदोलन किया जा रहा है।  पुणे जागरण आंदोलन के बाद गुरुवार की सुबह मुंडन आंदोलन की शुरुआत की है।

    राज्य में सभी 250 डिपो बंद

    महामारी कोरोना की वजह से पिछले डेढ़ साल में एसटी को 7951 करोड़ का नुकसान हो चुका है।  अब इस हड़ताल की वजह से एसटी महामंडल के नुकसान का आंकड़ा साढ़े 12 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। ऐन दिवाली पर शुरू हुए हड़ताल से ज्यादा नुकसान हुआ है, लोगों को जो दिक्कतें आ रही हैं वह अलग। राज्य में सभी 250 डिपो बंद थे।

    एसटी को 13 करोड़ रुपए का नुकसान 

    ऐन दिवाली पर एसटी कर्मचारियों के हड़ताल से 100 करोड़ का नुकसान एसटी को उठाना पड़ा है। इस हड़ताल के कारण हर दिन 13 करोड़ रुपये का राजस्व डूब रहा है। कोरोना की वजह से पहले ही संकट में घिरे एसटी महामंडल की बसें पटरी पर लौट ही रही थी कि कर्मचारियों के हड़ताल से एसटी को 13 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। इस हड़ताल की वजह से एसटी का नुकसान साढ़े 12 हजार करोड़ तक पहुंच गया है। 

    राज ठाकरे व्यक्तिगत रूप से नज़र रख रहे है

    जब से यह मुद्दा उठा है तभी से मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) के वकील हड़ताल के पक्ष में कोर्ट में केस लड़ रहे है। एसटी कर्मचारियों के आंदोलन में मनसे शामिल है। राज ठाकरे ने एसटी कर्मचारियों की तकलीफों को सुना है। शुरुआत में 28 संगठनों ने मिलकर हड़ताल की शुरुआत की थी। अब सभी संगठनों को छोड़कर कर्मचारी खुद हड़ताल में शामिल हो गए है। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 12 सप्ताह का समय दिया है। जिसके  अनुसार आगे की कार्यवाही होगी। मनसे नेता बाला नांदगांवकर ने कहा है कि सरकार का रुख ईमानदार है तो राज्य सरकार अन्य सरकारी कर्मचारियों को जो वेतन देती है उतना वेतन कर्मचारियों को दे। मनसे एसटी कर्मचारियों के साथ खड़ी है। इस मामले पर राज ठाकरे व्यक्तिगत रूप से नज़र रख रहे है।