Students took to the streets against the offline examination in Pimpri
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    पिंपरी : साल भर सभी लेक्चर ऑनलाइन (Online Lecture) होते रहे। अब स्कूल-कॉलेज (Schools-Colleges) ऑफलाइन परीक्षा (Offline Exams) लेने की तैयारी कर रहे हैं। इसके विरोध में पिंपरी चिंचवड़ (Pimpri Chinchwad) के छात्र सड़कों पर उतर आए हैं। निगडी में डी.वाई पाटिल, पीसीईटी, म्हालसाकांत स्कूल और कॉलेज के करीब 150 से 200 छात्र सोमवार सुबह सड़कों पर उतर आए। इसकी खबर पाकर मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने छात्रों को काफी समझाने की कोशिशें की लेकिन वे कुछ सुनने को तैयार न थे। हालांकि जब कानूनी कार्रवाई से उन्हें अवगत कराया और उन्हें समझाया गया तब वे लौट गए। बताया जा रहा है कि पुलिस ने बल का भी प्रयोग किया, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। 

    कोरोना के पृष्ठभूमि पर छात्रों को स्कूल में बिना पढ़ाए ही उनके सारे कोर्स ऑनलाइन कर दिए। अब स्कूल, कॉलेज ऑफलाइन परीक्षा देने की तैयारी कर रहे हैं। जब लगभग 90% पाठ्यक्रम ऑनलाइन ही पढ़ाये गए हैं तो परीक्षा ऑफलाइन क्यों ली जा रही है? यह सवाल उठाते हुए सैकड़ों छात्र आज सुबह सड़क पर उतर आए। निगडी में फ्लाईओवर के नीचे बने चौक पर कुछ छात्र जमा हो गए। वहां उन्होंने स्कूल प्रशासन का विरोध किया। दूसरे छात्रों ने सोशल मीडिया पर ऑनलाइन आंदोलन देखा। इसके बाद और छात्र वहां जमा हो गए। इन सभी छात्रों ने ऑनलाइन परीक्षा का पुरजोर विरोध किया। स्व मधुकर पवले फ्लाईओवर के नीचे प्रदर्शन करने के बाद बच्चों ने एलआईसी चौक निगडी पर भी धरना दिया।

    इस दौरान छात्रों के आंदोलन की जानकारी मिलते ही निगडी पुलिस घटना स्थल पर पहुंच गई।  पुलिस ने बच्चों को समझाया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उस वक्त पुलिस ने बच्चों के साथ बल का भी प्रयोग किया। हालांकि पुलिस की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई। कुछ देर बाद बच्चे तितर-बितर हो गए। इस बारे में निगड़ी थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक गणेश जवादवाड़ ने कहा, “सुबह निगड़ी चौक पर कुछ छात्र जमा हो गए थे। उनका इरादा सड़क जाम करने का था। हालांकि पुलिस ने उनसे कहा कि वे सड़क जाम न करें। पुलिस ने उन्हें शिक्षा अधिकारी या जिला कलेक्टर से भी अपनी मांगों के संबंध में एक बयान और एक पत्र जारी करने का अनुरोध किया। पुलिस ने कानूनी कार्रवाई के मामले में बच्चों को भविष्य के खतरे के बारे में बताया, तब वे मान गए और फिर सब वहां से चले गए।”