झरने के पास फिसलकर जंगल में गिरी लड़की का सफल रेस्क्यू

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    पिंपरी : बरसाती पर्यटन (Rainy Tourism) के लिए मशहूर लोनावला (Lonavala) के राजमाची किले के पास कातलधार झरने के समीप पैर फिसलने से एक लड़की घने जंगल (Forest) में जा गिरी। पैर फैक्चर होने से उसका जगह से हिलना भी मुमकिन न था। घने जंगल में से उसे रेस्क्यू करना चुनौती से भरा था। इसी दौरान ट्रैकिंग पर गई शिवदुर्ग रेस्क्यू दस्ते (Shivdurg Rescue Squad) की सदस्य प्राजक्ता बनसोडे ने समयसूचकता दिखाते हुए अपने दस्ते को इसकी जानकारी दी और उसके बाद उसका रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।

    लोनावाला में शिवदुर्ग रेस्क्यू टीम से सूचना मिलने के बाद आधे घंटे में रेस्क्यू टीम सदस्यों और सामग्री का समन्वय करते हुए फणसराय से मौके पर पहुंची। वहां पहुंचने के बाद जंगल मे फंसी लड़की का प्राथमिक उपचार किया गया और उसे स्ट्रेचर पर ले जाया गया। घायल लड़की को घने जंगल से होते हुए एक बहुत ही कठिन और ऊँचे रास्ते से सड़क पर लाया गया और फिर उसके समूह के साथ एक एम्बुलेंस में आगे के इलाज के लिए भेजा गया। घायल लड़की का नाम सुप्रिया गवणे है (मूल रूप से नागपुर की रहने वाली, वर्तमान में काम के सिलसिले में पुणे में रह रही है)। 

    सुप्रिया का इलाज जारी है

    बताया जा रहा है कि सुप्रिया अपने छह साथियों के समूह के साथ कातलधार जलप्रपात क्षेत्र में दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए आई थीं। झरने पर पहुंचने के बाद वह एक पत्थर पर फिसल गई और गिर गई और उसका पैर टूट गया। इसके बाद वह घने जंगल में घायलावस्था में फंसी रही। शिवदुर्ग रेस्क्यू दस्ते की सदस्या प्राजक्ता बनसोडे ने यह देखकर अपने टीम को सूचना दी और उसके बाद सुप्रिया का सफल रेस्क्यू कराया गया। फिलहाल उसका इलाज जारी है। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में शिवदुर्ग के रोहित वर्तक, समिर जोशी, योगेश उंबरे, अमोल परचंड, ओंकार पडवळ, सचिन गायकवाड, आनंद गावडे, राजेंद्र कडू, कुणाल कडू, अशोक उंबरे, चैतन्य वाडेकर, प्रणय आंभुरे, हेमंत पाटील, प्राजक्ता बनसोड, अनिल आंद्रे, दक्ष काटकर, तुषार सातकर, सचिन वाडेकर, यश वाडेकर, मुंबई ट्रेकर-लियांडर वाझ, जोयेल विल्फ्रेड, सुशांत वायदंडे, जय सोनार आदि शामिल थे।