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    पुणे. पुणे शहर (Pune City) में वनाज (Vanaj) से रामवाडी (Ramwadi) और पिंपरी (Pimpri) से स्वारगेट मेट्रोमार्ग (Swargate Metroway) का काम तेजी से चल रहा है। मेट्रो (Metro) का दूसरा मार्ग यानी पिंपरी से स्वारगेट का मार्ग बढ़ाने की मांग की जा रही थी। यह मार्ग निगडी से कात्रज तक किया जाए, ऐसी मांग की जा रही थी। इसके अनुसार, विभिन्न प्रस्ताव महामेट्रो को दिए गए थे। हाल ही में पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) ने पिंपरी से निगडी तक के मेट्रो मार्ग का डीपीआर (DPR) बनाने से संबंधित प्रस्ताव महामेट्रो को दिया था। उसके बाद पुणे महानगरपालिका की ओर से भी स्वारगेट से कात्रज तक के मेट्रो मार्ग का डीपीआर बनाने संबंधित प्रस्ताव महामेट्रो को दिया गया था। उसके लिए निधि देने की तैयारी भी महानगरपालिका प्रशासन की ओर से दर्शाई थी।

    हाल ही में यह डीपीआर पूरा किया गया है। इसके अनुसार अब स्वारगेट से कात्रज की मेट्रो पूरी तरह से भूमिगत बनेगी। कुल 6 कि.मी. का यह मार्ग होगा। महामेट्रो द्वारा इसका डीपीआर तैयार किया गया है। इसे मनपा को पेश किया है। इसके लिए कुल 4 हजार 283 करोड़ का खर्चा आएगा। इसके अनुसार अब मनपा का हिस्सा 233 करोड़ 75 लाख का होगा। इस राशि की मांग मेट्रो ने मनपा से की है। इसके अनुसार इससे संबंधित प्रस्ताव स्थायी समिति के माध्यम से आम सभा के समक्ष रखा गया है। इस पर बुधवार की बैठक में चर्चा होकर उसे मंजूरी दी गई। 

    महामेट्रो द्वारा किया जाएगा काम

    पुणे मेट्रो के पिंपरी-चिंचवड से स्वारगेट मार्ग पर स्थित मेट्रोका भूमिगत स्टेशन स्वारगेट इलाके में प्रस्तावित किया गया है। स्वारगेट इलाके से राज्य के विभिन्न इलाकों में आवागमन करनेवाले एसटी की तादाद भी बड़े पैमाने पर है। साथ ही पीएमपी का मुख्य बस डिपो भी स्वारगेट इलाके में ही है। इस वजह से मेट्रो, राज्य परिवहन महामंडल की (एसटी) बस और पुणे महानगर परिवहन महामंडल (पीएमपी) की बस, ऐसी तीनों सार्वजनिक सेवाओं को एक ही मंच उपलब्ध कराने के लिए स्वारगेट इलाके में ‘इंटीग्रेटेड हब’ की संकल्पना आगे लायी गयी थी। उसके अनुसार इस काम को गति देने के संकेत मुख्यमंत्री ने दिए थे और उसका प्रत्यक्ष काम आगामी 6 माह में शुरू करने के निर्देश भी उन्होंने जारी किए थे। इसके अनुसार महामेट्रो द्वारा इसके लिए जगह ढूंढी जा रही थी। इससे पहले हमें पिंपरी मनपा ने भी पिंपरी से निगडी तक मार्ग की बढ़ाने की मांग की थी व इससे संबंधित डीपीआर बनाने के लिए भी कहा था। दोनों मनपा ने निधि उपलब्ध कराने की तैयारी दर्शायी है।

    भूमि अधिग्रहण व पुनर्वसन का होगा खर्च 

    प्रस्ताव के अनुसार, स्वारगेट से कात्रज की मेट्रो पूरी तरह से भूमिगत बनेगी। कुल 6 कि.मी. का यह मार्ग होगा। महामेट्रो द्वारा इसका डीपीआर तैयार किया गया है। उसे मनपा को पेश किया गया है। इसके अनुसार अब यहां पर भूमि अधिग्रहण करने और बाधितों का पुनर्वसन करने के लिए कुल 4 हजार 283 करोड़ का खर्च आएगा। उसमें से मनपा का हिस्सा करीब 233 करोड़ 75 लाख का होगा। इसमें से 2 हजार 381 करोड़ कर्ज लिया जाएगा। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक 584 करोड़ लिए जाएंगे। इससे संबंधित प्रस्ताव स्थायी समिति के माध्यम से आम सभा के समक्ष रखा गया है। इस पर बैठक में चर्चा होकर उसे मंजूरी दी गई। 

    स्वारगेट-कात्रज मेट्रो परियोजना योजना के अनुमोदन का मुद्दा कई महीनों से लंबित था। कोरोना पृष्ठभूमि में महासभा की अनुपस्थिति के कारण परियोजना की मंजूरी में देरी हुई। परिणामस्वरूप राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बजट में धन प्राप्त नहीं हुआ। यह परियोजना अब गति पकड़ लेगी क्योंकि महानगरपालिका की आम सभा ने योजना को मंजूरी दे दी है। इसी समय परियोजना के लिए धन प्राप्त करने के लिए रास्ता खुला है। प्रस्ताव तुरंत मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेजा जाएगा।

    - मुरलीधर मोहोल, महापौर, पुणे

    मेट्रो को स्वारगेट से कात्रज तक विस्तारित करने के प्रस्ताव को आम सभा की बैठक में मंजूरी दी गई। यह प्रस्ताव पिछले दो वर्षों से लंबित है। मेट्रो विस्तार परियोजना की (DPR) महामेट्रो द्वारा तैयार किया गया। केंद्र और राज्य सरकार को अपने बजट में आवश्यक धनराशि नहीं मिली क्योंकि महानगरपालिका ने डीपीआर को मंजूरी नहीं दी और इसे राज्य और केंद्र सरकार को अनुमोदन के लिए भेज दिया था। अब इस प्रस्ताव के अनुमोदन से मेट्रो का कात्रज तक का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

    -गणेश बिडकर, सभागृह नेता, पुणे महानगरपालिका