खूनी हमले के मामले में तमिलनाडु का गिरोह पकड़ाया, 2.25 किलो गांजा भी बरामद

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पिंपरी: गैंगवार के साथ तमिलनाडु में विभिन्न गंभीर आपराधिक वारदातों को अंजाम देकर पिंपरी चिंचवड़ में छिपे एक गिरोह पर वाकड पुलिस ने एक व्यक्ति पर मामूली विवाद में जानलेवा हमला करने के मामले में गिरफ्तार किया। इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक आरोपी से 2.25 किलो गांजा भी बरामद किया। जैव सुनिल कुसे (25, निवासी गिरगाव, मुंबई) एसबगलतीहे. अरुमुगम सुब्बयाह (25, रा. थेरगाव पुणे. मूल निवासी मलुकारकुरीची, तिरुनलवेली, तामिलनाडू), शंकर अरुनाचलम (25, तिरुनेलवेल्ली, तामिळनाडू), रमेश 28, रा. तिरुनेलवेल्ली, तामिळनाडू), वानमामलाई मुथ्थया (19, रा. तिरुनेलवेल्ली, तामिळनाडू), इसकीपांडी सुब्बलह ममी (निवासी तिरुनेलवेल्ली, तामिळनाडू), मायाकन्नन सुब्रमणी, (20, निवासी तिरुनेलवेल्ली, तामिलनाडू) ऐसे गिरफ्तार किए आरोपियों के नाम हैं।  

जवाब मांगने के गुस्से में हमले को अंजाम दिया 

पुलिस उपायुक्त काकासाहेब डोले के मुताबिक, केमंदर कुसे अपने दोस्त के रिश्तेदार की मौत के बाद दाह संस्कार के लिए कालेवाड़ी आए थे। मंदार के दोस्त संघर्ष चंदनशिव के पिता को एक दक्षिण भारतीय लड़के ने मामूली वी वी-छोटी वजहों से घूंसा मार दिया था। 24 मई की रात उनके जब संघर्ष चंदनशिवे ने संबंधित लोगों से पूछा। उस समय मंदार कुसे भी चंदनशिव के साथ थे। 25 मई की रात करीब 12.30 बजे मंदार कालेवाड़ी के एक होटल से फूड पार्सल का ऑर्डर ले रहे थे, तभी पांच से छह लोगों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया। इसमें हमले से मंदार गंभीर रूप से घायल हो गया। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच में सामने आया है कि आरोपी ने चंदनशिव से जवाब मांगने के गुस्से में हमले को अंजाम दिया था। अरुमुगम सुब्बैया को पुलिस ने थेरगांव से गिरफ्तार किया था। उस समय उसके कब्जे से दो किलो 25 ग्राम गांजा मिला था। 

आरोपियों पर कई तरह के अपराध पहले से ही थे दर्ज 

इस संबंध में उसके खिलाफ अलग से मामला दर्ज किया गया है। वारदात को अंजाम देने के बाद वाकड पुलिस को सूचना मिली कि अन्य आरोपी औंध गए हुए हैं और छिपे हुए है। पुलिस ने औंध से पांच अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए छह लोगों में से चार पर गंभीर अपराधों के लिए तमिलनाडु में मामला दर्ज किया गया है। शंकर के खिलाफ 16 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि वनमामलाई के खिलाफ सात मामले दर्ज किए गए हैं। एशिपंडी के खिलाफ 15 जबकि अरुण के खिलाफ छह मामले दर्ज हैं।  लआरोपी के पैतृक गांव में दो गुटों में रंजिश है, जिसके चलते उनके खिलाफ कई तरह के अपराध दर्ज हैं।  आरोपी पुणे में रह रहा था और झगड़े के दौरान सुरक्षा पाने के लिए इडली डोसा बेचने का कारोबार कर रहा।