पिंपरी : पुणे जिले (Pune District) की जुन्नर (Junnar) में एक प्रथम वर्ग न्यायदण्डाधिकारी की अदालत (Magistrate Court) ने पुलिस (Police) को योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) और आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) की जांच करने का निर्देश दिया है, जो दावा करते हैं कि पतंजलि द्वारा बनाई गई कोरोनिल दवा (Coronil Drug) कोरोना का सटीक इलाज करती है। मजिस्ट्रेट पी. वी. सपकाल ने यह आदेश दिया।
रामदेव बाबा ने 24 जून, 2020 को दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि उन्होंने कोरोना का इलाज करने वाली दवा ‘कोरोनिल’ की खोज कर ली है। मदन कुरहे ने अपने दावे से नागरिकों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ एड आसिम सरोदे के माध्यम से जुन्नर कोर्ट में एक निजी आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है। इस पर उक्त आदेश दिया गया है।
अदालत ने जुन्नर पुलिस को इस मामले की जांच करने और 7 फरवरी 2022 को या उससे पहले आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 202 के तहत एक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया। पतंजलि के कोरोनिल मामले में राज्य में यह पहला मामला दर्ज किया गया है। ड्रग एंड मैजिक रेमेडीज (आक्रामक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 की धारा 120-बी, 420, 270, 504, 34 और धारा 3, 4, 5 के तहत एक निजी आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।
झूठे दावे करना केवल व्यावसायिक उद्देश्य
6 जुलाई, 2020 को दायर निजी शिकायत मामले पर जुन्नर की अदालत में विभिन्न दलीलें सुनी गईं। हालांकि बाबा रामदेव की प्रेस कांफ्रेंस दिल्ली में हुई थी, लेकिन प्रथम वर्ग न्यायदण्डाधिकारी की अदालत में जांच का आदेश देने की सभी शक्तियां हैं, शिकायतकर्ता की ओर से तर्क का एक लिखित रिकॉर्ड भी प्रस्तुत किया गया था। इस शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कोरोना महामारी के दौरान इस तरह के झूठे दावे करना केवल व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए भयभीत नागरिकों से पैसा कमाना था। शिकायतकर्ता के वकील असीम सरोदे ने कहा कि, कानून से श्रेष्ठ कोई नहीं है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के साथ-साथ कानूनी व्यवसाय में संलग्न होने के अधिकार का प्रयोग सभी को जिम्मेदारी, उचित बंधन और संयम के साथ करना चाहिए। यह संदेश इस फैसले के माध्यम से दिया गया है।