Katraj Dairy

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    पुणे: पुणे जिला सहकारिता दूध उत्पादक संघ (Katraj Dairy) के आगामी चुनाव (Election) पर स्टे (Stay) लगाने का आदेश मुंबई हाई कोर्ट (Mumbai High Court) ने वापस ले लिया है। खुद कात्रज डेयरी द्वारा दायर की गई विभिन्न याचिका पर हाई कोर्ट ने यह स्टे लगाया था। लेकिन इस याचिका की वजह से चुनाव कार्यक्रम घोषित करने में मुश्किल हो रही थी। इसी को देखते हुए कात्रज डेयरी ने इन तीनों याचिका को बिना शर्त वापस लेने की परमिशन देने की मांग एफिडेविट (Affidavit) के जरिए की थी। इस मांग को कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। इस चुनाव को लेकर इससे पहले दिए गए सभी आदेश रद्द कर दिए गए है। ऐसे में कात्रज डेयरी के चुनाव का रास्ता साफ हो गया है।

    कात्रज डेयरी के मौजूदा बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (Board of Directors) का कार्यकाल जून 2020 में समाप्त हो चुका है, लेकिन राज्य में 9 मार्च 2020 से कोरोना महामारी शुरू हो गई थी और उसके बाद 24 मार्च 2020 से लॉकडाउन लग गया। इसके बाद बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को राज्य सरकार ने पहली बार तीन महीने का कार्यकाल बढ़ाकर दिया था। इस अवधि के समाप्त होने के बाद अक्टूबर 2021 में चुनाव की तैयारी शुरू की गई थी, लेकिन चुनाव के लिए मतदाता कौन हो इस मुद्दे पर कुछ दूध संस्थाओं और कात्रज डेयरी के बीच वैचारिक मतभेद पैदा हो गया और मतभेद के बाद यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया।

    गेंद राज्यपाल के पाले में

    सहकारिता कानून के 97वें अनुच्छेद के प्रावधानों के मुताबिक, राज्य के जिला दूध संघ के चुनाव में बड़ा असर हो रहा था। यह बात राज्य सरकार के भी ध्यान में आया। इस दिक्कत को स्थाई रूप से दूर करने के लिए इस कानून के तहत इन दोनों शब्दों को किनारे करने के लिए विधेयक को राज्य सरकार ने मंजूरी दी है। इसे राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से मंजूरी मिलना अनिवार्य है, लेकिन राज्यपाल ने इसे अभी तक मंजूरी नहीं दी है। ऐसे में क्रियाशील और अक्रियाशील सदस्यों को लेकर नियम रद्द करने को लेकर गेंद राज्यपाल के पाले में है।