पुणे: पुणेकरों (Punekars) ने पिछले एक साल से जहां सड़कों (Roads) में बने गड्ढों (Potholes) से गुजरते हुए हर दिन संघर्ष किया है, वहीं सड़क की खुदाई अभी भी जारी है। हालांकि पिछले चार महीनों में पुणे महानगरपालिका (पीएमसी) के सड़क विभाग ने 9000 गड्ढे भरने का दावा किया है। दो हजार से अधिक गड्ढों को अभी भरा जाना बाकी है।
शहर में हर साल पानी की आपूर्ति, मोबाइल केबल, गैस पाइपलाइन, बिजली के तार, सीवर और अन्य कारणों से सैकड़ों किलोमीटर सड़कें खोदी जाती हैं। इन सड़कों की मरम्मत पीएमसी (PMC) और ठेकेदार दोनों करते हैं। हालांकि कुछ जगहों पर सीमेंट कंक्रीट और कुछ जगहों पर डामरीकरण किया गया है। एक ओर जहां खुदाई के कारण सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर डामर की सड़कें भी डामर की खराब गुणवत्ता, डिनर के एक्सपायरी, गड्ढों में मिट्टी, बिना पत्थरों को हटाए डामरीकरण आदि से सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं।
मरम्मत कार्यों के लिए बजट में 1.25 करोड़ रुपए का प्रावधान
इन मरम्मत कार्यों के लिए पुणे महानगरपालिका के बजट में सालाना 1.25 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। इससे ये काम साल भर होते रहते हैं। शहर में 12 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कें मुख्य सड़क विभाग के पास आती हैं, जबकि इसके तहत आने वाली सड़कों की जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय की होती है। मुख्य खाते को दो खण्डों पूर्व और पश्चिम में बांटा गया है। इसी के तहत इन गड्ढों को भरने का काम किया जाता है। साथ ही आदर पूनावाला क्लीन सिटी इनिशिएटिव के जरिए गड्ढों को भरा जा रहा है।