पुणे. सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी (Savitribai Phule Pune University) के साथ अन्य कॉलेज का फ़र्ज़ी सर्टिफिकेट (Fake Certificate) और मार्कशीट (Mark Sheet) बनाने वाले गिरोह का पुणे ग्रामीण पुलिस (Pune Rural Police) की लोकल क्राइम ब्रांच (LCB) ने पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुणे जिले के नीरा में छापा मारकर तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ जेजुरी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है। एलसीबी की इस कार्रवाई से फर्जी सर्टिफिकेट और मार्कशीट का गोरखधंधा सामने आया है।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में गणेश संपत जावले (निवासी नीरा, पुणे), मनोज धुमाल (निवासी नीरा, पुणे) और वैभव लोणकर (निवासी बारामती, पुणे) को गिरफ्तार किया गया है। सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी और अन्य कॉलेज का फर्जी सर्टिफिकेट और मार्कशीट बनाकर बिक्री किए जाने की जानकारी एलसीबी के सहायक पुलिस निरीक्षक संदीप येले को मिली थी। इसके आधार पर पुणे यूनिवर्सिटी से इसकी तस्दीक करने के बाद नीरा के समीक्षा प्रिंटिंग प्रेस में छापा मारा गया। इस दौरान यहां बड़े पैमाने पर फ़र्ज़ी सर्टिफिकेट और मार्कशीट बनाने का काम चल रहा था।
जेजुरी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज
इस मामले में जेजुरी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है। इन फर्जी सर्टिफिकेट का उपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी, यह भी पुलिस ने स्पष्ट किया है। नीरा में 20 वर्ष पहले इसी अवधि में नकली नोट के रैकेट का खुलासा हुआ था। नीरा पुलिस के तत्कालीन फौजदार अनिल जाधव ने उस समय नोट के बाजार में आने से पहले पकड़ लिया था। अब न जाने पिछले कितने वर्षों से यूनिवर्सिटी का फ़र्ज़ी सर्टिफिकेट और मार्कशीट बनाने का गोरखधंधा शुरू है, इस बारे में नीरा और आसपास के क्षेत्रों में चर्चा हो रही है।