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    पिंपरी: पिछले कुछ सालों में पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) में स्थायी कर्मचारियों (Permanent Employees) की संख्या में भारी कमी आई है और ठेका कर्मचारियों (Contract Employees) के भरोसे पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका का कामकाज चल रहा है। 

    आंकड़ों की मानें तो पिछले 20 वर्षों में 2,457 अधिकारी और कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं। 1,304 लोगों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प चुना। अब तक 846 कर्मचारियों की मौत हो गई, जबकि 106 कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया है, वहीं 117 दागी कर्मचारियों को विभिन्न कारणों से घर भेज दिया गया है। ऐसे विभिन्न कारणों से महानगरपालिका के 5,036 अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवा समाप्त हो गई है।

    ऐसे हुई महानगरपालिका की स्थापना

    पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका की स्थापना 1982 में तीन ग्राम पंचायतों पिंपरी, चिंचवड और भोसरी को समायोजित करके की गई थी। महानगरपालिका की स्थापना 1986 में हुई थी जब शहर एक औद्योगिक शहर की ओर बढ़ रहा था। उसके बाद शहर में प्रसिद्ध कारखाने और कंपनियां आ गईं। शहर की आबादी और क्षेत्रफल दिन-ब-दिन बढ़ता गया। इसलिए 1992 में महानगरपालिका की अपर्याप्त जनशक्ति पर दबाव को देखते हुए महानगरपालिका में बड़ी संख्या में कर्मचारियों की भर्ती की गई। इस भर्ती के बाद महानगरपालिका में बड़ी भर्तियां नहीं हुई हैं। स्थायी कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने के बाद मनपा का प्रबंधन ठेका कर्मचारियों के हवाले किया जा रहा है।

    ऐसे घटने लगा है मैनपॉवर

    2002 के बाद ही वास्तविक अर्थों में महानगरपालिका की सेवा से सेवानिवृत्त होने लगे। पिछले 20 वर्षों में महानगरपालिका के चारों वर्गों के 5,036 अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवा समाप्त हो चुकी है। इसमें 2,457 कर्मचारी निर्धारित आयु के अनुसार सेवानिवृत्त हुए हैं, 1,304 कर्मचारी स्वेच्छा से सेवानिवृत्त हुए हैं, 846 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। 94 कर्मचारी चिकित्सा आधार पर सेवानिवृत्त हुए हैं, 106 कर्मचारियों ने इस्तीफा दिया है। वहीं 112 अधिकारी, कर्मचारियों को सरकारी सेवा में समायोजित किया गया है। लगातार अनुपस्थिति, आपराधिक पृष्ठभूमि सहित विभिन्न कारणों से प्रशासन द्वारा 117 अधिकारियों और कर्मचारियों को घर भेज दिया गया है।

    मौजूदा मनुष्यबल 7,085 

    वर्तमान में पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका में 7,085 अधिकारी-कर्मचारियों का मनुष्य बल है। इसमें से वर्ग-1 में 168, वर्ग-2 में 203, वर्ग-3 में 3,348 और श्रेणी-4 में 3,366 अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं। पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका को “बी” श्रेणी में शामिल किया गया है। इसलिए महानगरपालिका का पुनर्गठन किया गया। कई नए पद सृजित किए गए हैं। हर महीने कम से कम 50 से 100 अधिकारी और कर्मचारी नियमित अवधि के साथ-साथ स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसलिए महानगरपालिका में मैनपॉवर कम हो रहा है। वहीं दूसरी ओर महानगरपालिका दैनिक नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के दबाव में है। 

    ठेका कर्मचारियों के भरोसे कामकाज शुरू 

    महानगरपालिका की भर्ती प्रक्रिया कई वर्षों से ठप पड़ी थी। राज्य सरकार ने अप्रैल माह में सभी महानगरपालिकाओं को कर्मचारियों की भर्ती की अनुमति दे दी है। इसके चलते पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका में 4,292 पदों पर भर्ती की जाएगी। तदनुसार, हाल ही में महानगरपालिका के प्रथम चरण में चिकित्सा विभागों के 128 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। कुल मिलाकर नए कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया ठप है और ठेका कर्मचारियों के भरोसे महानगरपालिका का कामकाज किया जा रहा है।