Police arrived, workers reached nine two eleven
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    पिंपरी: एक तरफ पिंपरी-चिंचवड (Pimpri-Chinchwad) के नए पुलिस कमिश्नर लोगों की अनसुनी शिकायतों के लिए अलग व्हाट्सएप नंबर जारी कर रहे हैं, दूसरी ओर उन्हीं की पुलिस (Police) बजाय शिकायतकर्ता को राहत देने उन्हीं पर धौंस जमा रही है। हालिया एक फल विक्रेता की दुकान में तोड़फोड़ कर लूटपाट की वारदात सामने आई है। चौकी से लेकर आयुक्तालय तक दिनभर चक्कर काटने के बाद मामला तो दर्ज (Case Registered) कर लिया गया। मगर बजाय मामले के आरोपियों की धरपकड़ के पुलिसवाले शिकायतकर्ता से लाइसेंस, परमिशन आदि दिखाने और लेकर थाने आने को कहकर उसी पर धौंस जमा रही है।

    ‘उल्टा चोर पीड़ित शिकायतकर्ता को डांटे’ कुछ इस तरह का यह मामला पिंपरी पुलिस थाने से जुड़ा है। गत सप्ताह गुरुवार की रात पौने 12 बजे के करीब पिंपरी साईं चौक अंडरपास वे के पास पे एंड पार्क पार्किंग पास एक वारदात हुई। 

    पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद 

    इसमें पार्किंग के बगल में रही फलों की एक दुकान में तोड़फोड़ कर पैसे चुराकर जाते वक्त बगल के सुरक्षाकर्मी ने सिटी बजाकर रोकने की कोशिश करने पर उसके साथ भी मारपीट कर उसकी जेब से 10 हजार रुपए जबरन निकाल लिए गए। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। इतनी गंभीर घटना की दखल लेने की जरूरत महसूस करनेवाली पिंपरी पुलिस ने अदखलपात्र मामला (एनसी) के तौर पर दर्ज किया।

     6 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज 

    पिंपरी पुलिस की उदासीनता के चलते फल विक्रेता दूसरे पूरे दिन पुलिस आयुक्तालय में आयुक्त से लेकर अन्य आला अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काटते रहा। दोपहर बाद पिंपरी थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शंकर अवताड़े ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। नतीजन शाम तक फल विक्रेता की शिकायत पर पिंपरी पुलिस ने 6 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। इसके बाद छानबीन के दौरान पिंपरी पुलिस का एक और एक चौंकाने व अजीबोगरीब हरकत सामने आयी है। तफ्तीश के लिए फल की दुकान में पहुंची पुलिस टीम ने वहां काम करनेवाले कर्मचारियों पर ही धौंस जमानी शुरू कर दिया। तुम्हारे पास महानगरपालिका का लाइसेंस है क्या, परमिशन ली है क्या, इसके कागजात दिखाओ, कागजात थाने लेकर आओ, जैसे सवालों और सूचनाओं की बारिश कर दी। बजाय आरोपियों को पकड़कर एक गरीब और आम व्यापारी को न्याय दिलाने के उसी पर धौंस जमाने की पिंपरी पुलिस की कारगुजारी चर्चा के घेरे में आ गई है।