Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation
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    पिंपरी : आगामी पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका चुनाव (Pimpri-Chinchwad Municipal Elections) के लिए प्रभाग संरचना का मसौदा तैयार करने का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है। अगले आठ दिनों में काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद यह मसौदा राज्य चुनाव आयोग (State Election Commission) को प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद आपत्तियां (Objections) आमंत्रित की जाएंगी। इसे सचिव स्तर के अधिकारी की मौजूदगी में सुनवाई होगी। इसके बाद अंतिम रूपरेखा तैयार की जाएगी।

    तीन सदस्यीय प्रभाग पद्धति से महानगरपालिका चुनाव कराने के राज्य सरकार के निर्णय के तुरंत बाद चुनाव विभाग के काम में तेजी आई है। पिंपरी-चिंचवड़ शहर के तलवड़े गांव से नए प्रभागों के गठन की शुरुआत हुई है और सांगवी प्रभाग रचना समाप्त होगी। महानगरपालिका के चुनाव विभाग ने योजना का मसौदा तैयार करने के लिए 25 सदस्यों की कमेटी का गठन किया। यह कमेटी महानगरपालिका कमिश्नर राजेश पाटिल की अध्यक्षता में प्रभाग रचना के प्रारूप पर काम कर रही है। अगला महानगरपालिका चुनाव 2011 की जनगणना के अनुसार होगा। उसी के अनुरूप संरचना तैयार की जा रही है।

    नगरसेवकों की संख्या 128 रहेगी

    पिंपरी-चिंचवड़ शहर की आबादी 17 लाख 27 हजार 692 है, जिनमें से 13 लाख 50 हजार मतदाता हैं। फिलहाल मतदाता पंजीकरण चल रहा है और मतदाताओं का आंकड़ा 14 लाख तक हो सकता है। शहर में नगरसेवकों की संख्या 128 रहेगी। शहर में 3102 ब्लॉक हैं। एक ब्लॉक में 400 से 800 की आबादी और 150 घरों की सीमा होगी। 36,000 से 44,000 के बीच की आबादी वाला एक प्रभाग होगा। इन सभी को ध्यान में रखते हुए चुनाव विभाग प्रभाग संरचना का मसौदा तैयार कर रहा है और इसका काम अंतिम चरण में है। चुनाव विभाग ने कहा कि मसौदा योजना अगले आठ दिनों में पूरी हो जाएगी और राज्य चुनाव आयोग को सौंप दी जाएगी।

    नगरसेवकों की धड़कनें तेज हो गई हैं

    राज्य चुनाव आयोग को प्रभाग संरचना का मसौदा योजना प्रस्तुत करने के बाद आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी। सचिव स्तर के अधिकारियों की मौजूदगी में आपत्तियों पर सुनवाई ली जाएगी। इसके बाद मसौदा चुनाव आयोग द्वारा अनुमोदित किया जाएगा और उसके उपरांत अंतिम रूपरेखा जारी की जाएगी।  उसके बाद आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी। इस बीच चुनाव विभाग द्वारा आरक्षण का ड्रा निकाला जाएगा। बहरहाल प्रभाग संरचना का काम शुरू होने के साथ ही इच्छुकों और नगरसेवकों की धड़कनें तेज हो गई हैं। एनसीपी समेत विपक्षी दलों के नगरसेवक और इच्छुक आश्वस्त हैं कि राज्य में उनकी सरकार रहने से प्रभाग संरचना में कोई गोलमाल नहीं हो सकेगा, जबकि महानगरपालिका के सत्तादल भाजपा नगरसेवकों को चिंता सता रही है कि उनके प्रभागों के साथ कोई ‘तोड़फोड़’ न की जाए।