YCM pune

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    पिंपरी:  पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) का यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल (YCM) अस्पताल, जो जिले के अंदर और बाहर के मरीजों (Patients) के लिए वरदान साबित हुआ है, भारी खर्च से ‘सफेद हाथी’ बनता जा रहा है। इस अस्पताल (Hospital) से महानगरपालिका को महज 11 करोड़ रुपए मिल रहे हैं, लेकिन खर्च 64 करोड़ रुपए के करीब है। इस खर्च को देखें तो महानगरपालिका का प्रति मरीज खर्च 1,266 रुपए तक है। वाईसीएम अस्पताल के खर्च और आय के अंतर पर नजर डालें तो इस अस्पताल को लेकर महानगरपालिका की हालत बुरी नजर आती है। इसलिए इस अस्पताल को जिला अस्पताल (District Hospital) घोषित कर चिकित्सा विभाग को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए कि क्या राज्य सरकार के लिए अस्पताल पर होने वाले खर्च की प्रतिपूर्ति करना संभव होगा, ऐसा ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है।

    वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2018-19 के लिए महानगरपालिका की ऑडिट रिपोर्ट में यह मामला सामने आया है।  पिंपरी-चिंचवड़ की आबादी 25 लाख से अधिक है।  भारतीय जन स्वास्थ्य मानकों के अनुसार, 50,000 की आबादी पर एक दवाखाना होना चाहिए। 5 से 6 लाख की आबादी पर एक अस्पताल होना चाहिए।  वर्तमान में महानगरपालिका की सीमा में 84,000 की आबादी के लिए 32 औषधालय हैं। 25 लाख की मौजूदा आबादी के लिए चार अस्पतालों की जरूरत है। 

    पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका में 8 अस्पताल हैं 

    पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका में 8 अस्पताल हैं तो संतुलन बना हुआ है। इसके अलावा थेरगांव, भोसरी, आकुर्दी में 200 और पिंपरी में 100 बेड का अस्पताल बनाया गया है। संत तुकाराम नगर में पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका का 750 बेड का यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल है। यहां औद्योगिक शहर, आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ राज्य के अन्य हिस्सों से हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं। इस अस्पताल में हड्डी रोग, नेत्र विज्ञान, स्त्री रोग, बाल रोग, दंत चिकित्सा, कर्क रोग जैसे विभिन्न विभाग हैं। इस अस्पताल में आठ प्रकार की विशेष सेवाएं उपलब्ध हैं। इसमें कॉर्डीओलॉजी, युरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, न्युरोसर्जरी, न्युरोलॉजी, पेटीयाट्रीक सर्जरी, हैंड एंड प्लास्टीक सर्जरी, हदय, मुत्रपिंडे, मज्जासंस्था जैसी सुविधाओं का समावेश है।

    लगातार बढ़ रही है चिकित्सा की लागत

    इस अस्पताल के बाह्य रोगी विभाग में प्रतिदिन सैकड़ों रोगी उपचार के लिए आते हैं। वाईसीएम अस्पताल वास्तव में मरीजों के लिए वरदान है। हालांकि, वाईसीएम अस्पताल की लागत महानगरपालिका दूसरे अस्पतालों और औषधालयों की लागत के आधे से अधिक है। स्वास्थ्य के लिहाज से गरीब मरीजों के लिए अस्पतालों की जरूरत है। हालांकि पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका वाईसीएम अस्पताल पर ज्यादा खर्च कर रहा है।

    वाईसीएम अस्पताल को जिला अस्पताल घोषित किया जाए

    वाईसीएम अस्पताल में इलाज करा रहे मरीज सिर्फ महानगरपालिका सीमा के ही नहीं, बल्कि पूरे जिले और राज्य से हैं। इसलिए खर्च का दबाव महानगरपालिका के राजस्व पर आ रहा है। 2014-15 से प्रति मरीज के चिकित्सा की लागत लगातार बढ़ रही है। इसे नियंत्रण की जरूरत है। इसके लिए स्थायी समिति की बैठक में महानगरपालिका चिकित्सा विभाग को राज्य सरकार के जिला अस्पतालों और केंद्र सरकार के अस्पतालों के प्रति मरीज की लागत का मिलान करने के लिए कार्रवाई करने का निर्देश देने की सिफारिश की गई है। महानगरपालिका के राजस्व पर दबाव को कम करने के लिए यह सुझाव दिया गया है कि वाईसीएम अस्पताल को जिला अस्पताल घोषित किया जाए और चिकित्सा विभाग को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए कि क्या राज्य सरकार के लिए किए गए खर्चों की प्रतिपूर्ति करना संभव होगा।