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    मुंबई: बॉलीवुड एक्टर रितेश देशमुख (Riteish Deshmukh) और एक्ट्रेस जेनेलिया देशमुख (Genelia Deshmukh) एक बार फिर मुश्किल में फंस सकते है। रितेश और जेनेलिया की लातूर में एक एग्रो-प्रोसेसिंग कंपनी है, अब इसी कंपनी की वजह से यह कपल मुश्किल में फंस सकता है। दरअसल, इस कंपनी के जांच के आदेश दिए गए है। 

    महाराष्ट्र के मंत्री अतुल सावे (Atul Save) ने कहा है कि रितेश और जेनेलिया को उनकी कंपनी के लिए 116 करोड़ का जो लोन दिया गया। वहीं, अब इसी लोन को लेकर जांच की  जाएगी। जांच में देखा जाएगा कि रितेश और जेनेलिया को को लोन देने में कोऑपरेटिव बैंकों ने अपनी तरफ से कोई अनियमितता तो नहीं की है।

    बता दें कि, कुछ दिनों पहले लातूर में कुछ बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया था कि, रितेश और जेनेलिया को उनकी कंपनी ‘देश एग्रो प्राइवेट लिमिटेड’ (Desh Agro Private Limited’s) को लोन देने में सहकारी बैंकों की तरफ से अनियमितता बरती गई। वहीं, इस कपल की कंपनी को पिछली महाविकास आघाडी सरकार के दौरान MIDC यानी महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम का प्लॉट मिला था।

    रितेश और जेनेलिया की कंपनी ने 4 अक्टूबर, 2021 को पंढरपुर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक में लोन के लिए आवेदन किया था। वहीं, बैंक ने  27 अक्टूबर को 4 करोड़ रुपये के लोन को मंजूरी दे दी। इसके बाद इस कपल ने लातूर डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक से 61 करोड़ रुपये के लोन के लिए अप्लाई किया। यह एप्लिकेशन भी 27 अक्टूबर को मंजूर कर ली गई थी।वहीं, इसके बाद इस बैंक से इस कपल की कंपनी को 25 जुलाई 2022 को 55 करोड़ का लोन मिला था।

    अतुल सावे ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि, बीजेपी के लातूर जिला अध्यक्ष गुरुनाथ मागे ने इस मामले के संबंध में एक पत्र लिखा था। लेकिन उन्हें MIDC प्लॉट के बारे में कुछ पता नहीं था। इसी बारे में पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया है कि कहीं बैंकों की ओर से तो कोई अनियमितता नहीं की गई।