मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में सुपरमार्केट (Supermarket) में वाइन की बिक्री को लेकर सियासत तेज़ हो गई। एक तरफ महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार के इस फैसले को लेकर बीजेपी (BJP) राज्य की उद्धव सरकार (Uddhav Thackeray Government) पर हमलावर होती दिखाई दे रही है तो वहीं सत्ताधारी पार्टी के नेता बीजेपी पर पलटवार करते नज़र आ रहे हैं। इस मामले को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत ने शनिवार को बीजेपी के विरोध का जवाब देते हुए कहा कि, राज्य में जब बीजेपी की फडणवीस सरकार थी तब शराब की ऑनलाइन डिलीवरी की प्लानिंग की गई थी। उन्होंने पूछा कि, वह क्या था?
एएनआई के अनुसार, संजय राउत ने महाराष्ट्र में सुपरमार्केट और वॉक-इन स्टोर में शराब की बिक्री की अनुमति देने के सरकार के फैसले पर कहा, फडणवीस सरकार ने ऑनलाइन शराब की होम डिलीवरी देने की नीति बनाने की योजना बनाई थी, बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि, शराब दवा है और इसे कम मात्रा में पिएं।
Fadnavis govt planned to make a policy of giving home delivery of liquor online, what was that? BJP MP Sadhvi Pragya said that liquor is medicine & drink it in small quantities: Sanjay Raut on govt’s decision to allow sale of wine in supermarkets & walk-in stores in Maharashtra pic.twitter.com/NiQ1TbST8Q
— ANI (@ANI) January 29, 2022
बता दें कि, गुरुवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक (Cabinet Meeting) में यह निर्णय लिया गया। जिसके बाद बीजेपी ने फैसले का विरोध किया है जिस पर शुक्रवार को भी संजय राउत ने बीजेपी पर पलटवार किया था। राउत ने कहा था कि, वाइन शराब नहीं है। अगर वाइन की बिक्री बढ़ती है तो किसानों को इसका लाभ मिलेगा। हमने किसानों की आय को दोगुना करने के लिए ऐसा किया है। भाजपा केवल विरोध करती है लेकिन किसानों के लिए कुछ नहीं करती है।
पेट्रोल-डिझेलऐवजी दारू स्वस्त ❗️
दारूबंदी संपवून दारुविक्रीला परवानगी ‼️
महाराष्ट्रात नवीन दारूविक्री परवाने देण्याचा निर्णय ❗️
आणि आता थेट सुपर मार्केट, किराणा दुकानातून घरोघरी दारू ‼️
महाराष्ट्राला ‘मद्यराष्ट्र’ करण्याचा हा प्रकार खपवून घेतला जाणार नाही.
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) January 27, 2022
इससे पहले, महाराष्ट्र पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेन्द्र फडणवीस ने गुरुवार को चेतावनी देते हुए कहा कि, इस तरह के कदम को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, पिछले दो सालों में राज्य सरकार ने किसी भी किसान, गरीब, बेसहारा की मदद नहीं की है। सरकार की प्राथमिकता सिर्फ और सिर्फ शराब है। सरकार को कम से कम गरीबों की थोड़ी मदद करनी चाहिए। पेट्रोल-डीजल से सस्ती हुई शराब! प्रतिबंध हटने के बाद शराब बेचने की अनुमति! महाराष्ट्र में शराब के नए लाइसेंस जारी करने का फैसला! और अब सुपरमार्केट, किराना स्टोर से लाइव शराब! महाराष्ट्र यह सब बर्दाश्त नहीं करेगा।