File Photo: ANI
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    मुंबई. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (Maharashtra Health Minister Rajesh Tope) ने शुक्रवार को कहा कि पिछले महीने उच्च जोखिम वाले देशों (Risk Countries) से राज्य में लौटे 28 लोगों के नमूने जीनोम अनुक्रमण (genome sequencing) के लिए भेजे गए हैं। इनमें से नौ लोग पहले ही कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए हैं।

    जालना जिले में पत्रकारों से टोपे ने कहा, “उच्च जोखिम वाले देशों से मुंबई लौटे अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की पहचान की गई है और ऐसे 28 यात्रियों के नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे गए हैं। इनमें से नौ लोग पहले ही कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। हालांकि, अभी तक उनके ‘ओमीक्रोन’ से संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हो पाई है।”

    मंत्री ने कहा, “उनकी जीनोम अनुक्रमण की रिपोर्ट दो दिन में आने की उम्मीद है और अगर उनमें से कोई संक्रमित पाया गया, तो ही आगे की कार्रवाई पर फैसला किया जाएगा।”

    एक अधिकारी ने बताया कि 10 नवंबर से 30 नवंबर के बीच विभिन्न देशों से करीब 2,868 लोग राज्य में आए हैं। राज्य सरकार ने इनमें से 485 लोगों की जांच की, जिनमें से नौ संक्रमित पाए गए। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने कर्मचारियों को उन सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को पृथक रखने को कहा है, जो संक्रमित पाए गए हैं। भारत में बृहस्पतिवार को ‘ओमीक्रोन’ के मामले पहली बार सामने आए थे। कर्नाटक में दो लोग इससे संक्रमित पाए गए थे।

    इस बीच, महाराष्ट्र सरकार के संशोधित हवाई यात्रा नियमों में केवल तीन ”उच्च-जोखिम” वाले देशों दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना और जिम्बाब्वे के यात्रियों के लिये सात दिन का संस्थागत पृथक-वास अनिवार्य किया है, जबकि घरेलू यात्रियों को यात्रा के लिए पूर्ण टीकाकरण प्रमाण या संक्रमित ना होने की पुष्टि करने वाली रिपोर्ट दिखानी होगी, जो विमान में सवार होने से 72 घंटे पहले की हो। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पहचाने गए कोरोना वायरस के इस नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ को “चिंता का स्वरूप” बताया है। (एजेंसी)