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    मुंबई. दक्षिण अफ्रीका (South Africa) और अन्य उच्च जोखिम वाले देशों से महाराष्ट्र (Maharashtra) पहुंचे छह यात्री कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गए हैं और उनके नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए भेज दिये गए हैं। सार्स-सीओवी2 के नये स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर उत्पन्न चिंताओं के बीच महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को यह जानकारी दी। दक्षिण अफ्रीका और अन्य देशों से आए ये व्यक्ति मुंबई (Mumbai) महानगर पालिका, कल्याण-डोंबिवली (Kalyan Dombivali), मीरा-भयंदर और पुणे (Pune) नगर निगम सीमाओं में मिले हैं।

    नाइजीरिया से पहुंचे दो यात्री पुणे से सटे पिंपरी-चिंचवाड़ निगम क्षेत्र में मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग ने कहा, ‘‘वर्तमान में, छह यात्री हैं जो दक्षिण अफ्रीका या अन्य उच्च जोखिम वाले देशों से राज्य में आए हैं जो जांच में संक्रमित पाये गए हैं। इन सभी के नमूने जिनोम अनुक्रमण के लिए भेजे गए हैं और उनके सम्पर्क में आये व्यक्तियों का पता लगाने की कवायद चल रही है। ये सभी यात्री, हालांकि जांच में कोविड-19 में संक्रमित पाये गए हैं, लेकिन ये सभी या तो बिना लक्षण वाले हैं या इनमें लक्षण हल्के हैं।”

    विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 26 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका और कुछ अन्य देशों में सामने आये कोरोना वायरस के नये स्वरूप को ओमीक्रोन नाम दिया था। विभाग ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने ओमीक्रोन स्वरूप को ‘चिंता वाला स्वरूप’ घोषित किया है। विशेषज्ञों ने आशंका जतायी है कि वायरस में आनुवंशिक परिवर्तन के कारण, इसमें कुछ विशिष्ट विशेषताएं हो सकती हैं। हालांकि इस नये स्वरूप के चलते संक्रमण में वृद्धि की आशंका बढ़ गई है, लेकिन अभी भी इस बात पर पर्याप्त स्पष्टता नहीं है कि यह गंभीर बीमारी का कारण बनेगा या नहीं और क्या यह प्रतिरक्षा से बच सकता है।

    इस बारे में अगले दो सप्ताह में और अधिक जानकारी मिलने की उम्मीद है। विभाग ने कहा कि इसके अतिरिक्त, जिन यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी हैं, उन्हें भी फिर से जांच से पहले सात दिनों के लिए पृथकवास में रखा जाएगा। स्वास्थ्य बुलेटिन में कहा गया है, ‘‘अगर वे इस बार भी संक्रमित पाये पाए जाते हैं, तो उनके नमूने भी जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे जाएंगे।” केंद्र के दिशानिर्देशों के अनुसार, सूचीबद्ध देशों के अलावा अन्य देशों से आने वाले 5 प्रतिशत यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच बिना क्रम के की जाएगी और संक्रमित पाये गए व्यक्तियों के नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे जाएंगे।