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    मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के राज्यपाल भगतसिंग कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) ने छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर विवादित बयान दिया था। इसके बाद राज्य में हंगामा शुरू हो गया है। इस मामले के बाद महाविकास अघाड़ी (MVA) की तरफ से राज्यपाल को पद से हटाने की मांग की जा रही है। वहीं, अब शिवसेना (ShivSena) नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने भी इसे लेकर बीजेपी (BJP) पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि 19 को विधानसभा का सत्र है, उससे पहले राज्यपाल के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मुंबई में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने इस संबंध में प्रतिक्रिया दी।

    संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि, “19 तारीख को विधानसभा का सत्र है। उससे पहले राज्यपाल के खिलाफ कार्रवाई होनी है। आशीष शेलार कहते हैं कि वह गलत को गलत कहने से डरते नहीं। लेकिन, जिस राज्यपाल ने सबसे पहले शिवाजी महाराज का अपमान किया, उसके राजभवन में बिना चाय पीए या बिस्कुट खाए उससे पूछिए कि ‘क्यों’ आप शिवाजी महाराज का अपमान करते हैं? वहां पहले सवाल पूछो, फिर बाकी जो करना है करो। लेकिन तुम्हारी कलाई में इतनी ताकत नहीं है। हर दिन तुम उठकर शिवराय का अपमान करते हो, तुम उसके इतिहास को रौंदते हो।” 

    इस दौरान उन्होंने बीजेपी विधायक प्रसाद लाड के बयान को लेकर प्रतिक्रिया दी है। राउत ने कहा, “पूरी दुनिया जानती है कि शिवराय का जन्म शिवनेरी में हुआ था। बहरहाल, कल बीजेपी ने एक नई खोज की। उन्होंने शिवनेरी को लेकर सवाल उठाए। शिवनेरी को इतिहास से हटा दिया गया है। मूल रूप से, क्या वे शिवाजी महाराज को मानते हैं?” भारतीय जनता पार्टी को इसका जवाब देना होगा।”

    उन्होंने सीमावाद के मुद्दे पर भी भाजपा की आलोचना की। संजय राउत ने चुनौती देते हुए कहा, ‘संभूराज देसाई और चंद्रकांत पाटिल को कम से कम बाउंड्री तो छूनी चाहिए, बाकी यहां जो भी कबड्डी खेलनी है खेलें। लेकिन उनमें हिम्मत नहीं है। ये हताश बेबस लोग हैं। यह कुछ नहीं कर सकते। वे हमारा अपमान करते हैं, हिम्मत है तो बोम्मई का अपमान करें, शिवराय के इतिहास को नष्ट करने वालों का अपमान करें। शिवराय की अवमानना है या कर्नाटक सीमा का मामला यह सरकार स्टैंड नहीं ले सकती। ये अंत के लोग हैं।”

    इस दौरान उन्होंने गुजरात चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने चुनाव प्रचार के लिए गुजरात को काफी समय दिया है। वास्तव में गुजरात विकास के पथ पर अग्रसर राज्य है। इसलिए बीजेपी को यह चुनाव बिना किसी प्रचार के लड़ना चाहिए था, फिर भी प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात में प्रचार किया। हालांकि, कोई नहीं कह सकता कि यह परिणाम क्या होगा।”