मुंबई: फोन टैपिंग (Phone Tapping) के मामले में मुसीबत में फंसी आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला (IPS Officer Rashmi Shukla) भीमा कोरेगांव मामले (Bhima Koregaon Violence Case) में गठित जांच आयोग के सामने गुरुवार को पेश हुईं। आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ल को भीमा कोरेगांव कमीशन ने पिछले दिनों तलब किया।
भीमा कोरेगांव हिंसा के समय रश्मि शुक्ला पुणे पुलिस कमिश्नर थीं। पुणे के नजदीक एक जनवरी 2018 को भीमा-कोरेगांव युद्ध के 200 साल पूरा होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दो समूहों के बीच संघर्ष हो गया था। जिसके बाद बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी।
2018 Bhima Koregaon violence matter | IPS officer Rashmi Shukla appears before Bhima Koregaon Commission. #Maharashtra
— ANI (@ANI) November 18, 2021
2018 में दलित संगठनों ने एक जुलूस निकाला था, जिस दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। आरोप है कि, 31 दिसंबर 2017 को हुए एल्गार परिषद सम्मेलन में भड़काऊ भाषणों और बयानों के कारण भीमा-कोरेगांव गांव में एक जनवरी को हिंसा भड़की।
वहीं दूसरी तरफ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला पर फोन टैपिंग का भी मामला चल रहा है। ऐसे आरोप हैं कि उन्होंने अधिकारियों के ट्रांसफर के बारे में कई मंत्रियों के साथ-साथ उनके पीए के भी फोन टैप किए थे।