Eknath Shinde , Uddhav Thackeray
एकनाथ शिंदे-उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)

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    नई दिल्ली: शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने पार्टी के चुनाव चिन्ह को लेकर चुनाव आयोग की कार्रवाई रोकने से मना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगाने की उद्धव ठाकरे समूह की याचिका को खारिज कर दिया है। अब चुनाव आयोग शिवसेना के चुनाव चिह्न पर फैसला कर सकता है। उद्धव गुट की मांग थी कि विधायकों की अयोग्यता पर फैसले से पहले चुनाव आयोग पार्टी सिंबल पर सुनवाई न करे। 

    उल्लेखनीय है कि, 20 जून को शिवसेना विवाद तब शुरू हो गया था। जब सीएम शिंदे के नेतृत्व में 20 विधायक सूरत के रास्ते गुवाहाटी चले गए। जिसके बाद शिंदे गुट ने शिवसेना के 55 में से 39 विधायकों के होने का दावा किया था। जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

    फैसला लेने से रोका जाना चाहिए: उद्धव गुट की दलील

    अदालत की कार्रवाई के दौरान उद्धव गुट के वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने इस बात पर जोर दिया कि, चुनाव आयोग में पार्टी के चुनाव सिंबल के आवंटन को लेकर चल रही कार्रवाई रुकी रहनी चाहिए। सिब्बल ने कोर्ट में यह भी दलील दी कि, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट के विधायकों की अयोग्यता का मसला अभी लंबित है। ऐसे में उस पर फैसला हुए बिना चुनाव आयोग को असली पार्टी पर फैसला लेने से रोका जाना चाहिए।

    उसे इससे नहीं रोकना चाहिए: शिंदे गुट  

    एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील नीरज किशन कौल ने कहा कि, चुनाव आयोग अपने पास उपलब्ध कराए गए तथ्यों के आधार पर पार्टी के चुनाव चिन्ह को लेकर फैसला लेता है। यह आयोग का संवैधानिक काम है। उसे इससे नहीं रोकना चाहिए।

    आयोग अपना संवैधानिक दायित्व निभा रहा 

    जबकि, चुनाव आयोग के वकील अरविंद दातार ने अदालत में कहा कि, आयोग अपना संवैधानिक दायित्व निभा रहा है। उसे नहीं रोका जाना चाहिए। आयोग यह नहीं देखता है कि कौन विधायक है, कौन नहीं। सिर्फ पार्टी सदस्य होना पर्याप्त है।

    केस संवैधानिक बेंच को ट्रांसफर

    इससे पहले, उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर सुनवाई करते हुए 23 अगस्त को जस्टिस एनवी रमना की पीठ ने यह मामला संवैधानिक बेंच को ट्रांसफर करते हुए चुनाव आयोग की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। उस समय जस्टिस रमना ने कहा था कि, संवैधानिक बेंच यह तय करेगी कि आयोग की कार्यवाही जारी रहेगी या नहीं। वहीं, इससे पहले निर्वाचन आयोग ने सिंबल को लेकर एकनाथ शिंदे गुट की याचिका पर सभी पक्षों को नोटिस भेजकर जवाब देने के लिए कहा था।