वर्धा. कोरोना की वजह से मंदिर, सार्वजनिक कार्यक्रम बंद होने के कारण बाजार में फूलों की मांग काफी कम हो गई थी, जिससे उत्पादक किसान निरंतर संकट झेल रहे थे़ गणेशोत्सव एवं गौरी पूजन का आगमन होते ही फूलों की मांग में 50 फीसदी तक वृद्धि हुई है़ वहीं पिछले दिनों अतिवृष्टि के कारण फूलों के उत्पादन में भारी गिरावट आयी है़ इससे फूलों के दाम में भारी उछाल आने से ग्राहकों की जेब पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है.
कोरोना संकट से किसान हो गए थे परेशान
कोरोना के कारण फूल उत्पादक किसानों की हालत खराब हो गई थी़ बाजार में फूलों की मांग नहीं होने के कारण खेतों में उत्पादित फूलों का माल किसान फेंकने पर मजबूर हो गए थे़ त्योहारों का सीजन आरंभ होने से परिस्थिति में सुधार आने की संभावना थी़ इन दिनों बाजार में फूलों की मांग निश्चित ही बढ़ गई है, किंतु अतिवृष्टि की वजह से फूलों के उत्पादन में गिरावट आने से उपलब्धता कम हो गई है.
अन्य राज्यों से भी बड़े पैमाने में आए फूल
वर्धा मार्केट में जिले के फूल उत्पादक किसानों से फूलों का बड़े पैमाने पर माल आता है़ इसमें गेंदा, शेवंती, अष्टर, गुलाब, गांवरानी गुलाब आदि विभिन्न प्रकार के फूलों का समावेश है़ इसके अलावा नागपुर से भी बड़े पैमाने पर फूल शहर के बाजार में आते है़ जिले में हुई अतिवृष्टि के कारण स्थानीय स्तर पर फूलों के उत्पादन में गिरावट आयी है़ नागपुर के बाजार में मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश से बड़े पैमाने पर फूल दाखिल होने की जानकारी है, जिससे वर्धा जिले में फूलों की मांग पूर्ण हो जाएगी.
बाजार में फूलों के दाम
गेंदा 200 रु़ प्रति किलो
शेवंती 400 रु़ प्रति किलो
अष्टर 350 रु. प्रति किलो
गुलाब 800रु़ प्रति किलो
देसी गुलाब 400रु़ प्रति किलो
त्योहारों के शुरू होने से मिली राहत
कोरोना पाबंदियों की वजह से फूलों की मांग नहीं के बराबर थी, जिससे कई महीनों तक नुकसान सहना पड़ा. अब त्योहारों की वजह से बाजार में फूलों की मांग निश्चित ही बढ़ गई है़ अब तक हुए नुकसान की कसर इससे नहीं निकलेगी़ फिर भी फिलहाल परिस्थिति राहतभरी कही जा सकती है.
-राजू लोखंडे, फूल उत्पादक किसान.