प्रतिकात्मक फोटो
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    ठाणे: केंद्र सरकार (Central Government) की स्मार्ट सिटी मिशन योजना (Smart City Projects) के तहत ठाणे महानगरपालिका (Thane Municipal Corporation) को पिछले तीन वर्षों में 494 करोड़ रुपए का अनुदान मिला है और अब तक करीब 78 फीसदी रुपए परियोजनाओं पर खर्च भी किया जा चुका है, लेकिन यदि प्रत्यक्ष रूप से शहर में हुए विकास कामों (Development Works) पर नजर डालें तो स्मार्ट सिटी के तहत सिर्फ अर्बन रेस्ट रूम प्रोजेक्ट के अलावा कोई बड़ा प्रोजेक्ट अब तक पूरा नहीं हुआ है। हालांकि कुछ परियोजनाएं 30 प्रतिशत से अधिक पूरी हुई हैं और कुछ परियोजनाएं पर्यावरण परमिट में फंसी हुई हैं। ऐसे में ठाणे महानगरपालिका द्वारा स्मार्ट सिटी मिशन योजना के तहत किए जा रहे विकास कार्यों पर ही सवाल खड़ा होने लगा है।

    गौरतलब है कि तीन साल पहले ठाणे महानगरपालिका को केंद्र सरकार की स्मार्ट मिशन योजना में शामिल किए जाने के बाद इस योजना के तहत कई बड़ी परियोजनाओं की योजना बनाई गई थी। इस योजना के माध्यम से ठाणे महानगरपालिका को पांच साल में 1000 करोड़ का फंड मिलने वाला था। इसमें से 500 करोड़ रुपए केंद्र सरकार, 250 करोड़ रुपए राज्य सरकार और 250 करोड़ रुपए ठाणे महानगरपालिका को खर्च करने होंगे। 

    सिर्फ 93.25 करोड़ रुपए खर्च कर पाई है टीएमसी 

    पिछले तीन वर्षों में स्मार्ट मिशन योजना के तहत ठाणे महानगरपालिका को 494 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई है, जिसमें से 196 करोड़ रुपए केंद्र से और  98 करोड़ रुपए राज्य सरकार से मिल चुका है। जबकि ठाणे महानगरपालिका को 200 करोड़ रुपए के कोष रखा था। लेकिन कोरोना संक्रमण काल के कारण महानगरपालिका की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण टीएमसी प्रशासन पिछले तीन साल में स्मार्ट सिटी परियोजनाओं पर सिर्फ 93.25 करोड़ रुपए खर्च कर पाई है। 

    39 परियोजनाओं की योजना बनाई

     ठाणे महानगरपालिका ने स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के तहत 39 परियोजनाओं की योजना बनाई है। इसमें से 260.85 करोड़ रुपए की ठाणे पूर्व स्थित कोपरी सैटिस पुल का निर्माण शामिल है। इस पूल का काम अब तक सिर्फ 38 प्रतिशत पूरा हो पाया है। जबकि 19.63 करोड़ रुपए खर्च कर फुटपाथ की मरम्मत किया जाना था। जिसका मात्र 66 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है। इसी प्रकार व्यापक सीवरेज प्रणाली का 22.87 लाख रुपए प्रस्तावित किया गया था और इसका भी 30 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है। इसी प्रकार जलापूर्ति पुनर्गठन के लिए 47.26 करोड़ रुपए प्रस्तावित किया गया था और अब तक 23.50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। वर्षा जल निकासी अर्थात स्टॉर्म वाटर ड्रेन के लिए 47.26 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है और इसका 23 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। इसके अलावा कई अन्य बड़ी परियोजना भी जो अभी तक पूरी नहीं हुई है। 

    स्मार्ट वॉटर मीटरिंग का 80 फीसदी काम हुआ पूरा 

    वहीं  ठाणे महानगरपालिका की सीमा में बड़े पैमाने पर हो रही पानी की चोरी और रिसाव को कम करने के स्मार्ट वाटर मीटरिंग परियोजना भी महानगरापालिका प्रशासन द्वारा स्मार्ट सिटी योजना के तहत शुरू किया गया है। कुल 121.03 करोड़ रुपए खर्च कर साकार किए जा रहे इस परियोजना का तकरीबन 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। वाटर फ्रंट डेवलपमेंट का काम भी स्मार्ट सिटी के तहत ही किया जा रहा है। इसके लिए कुल 204.54 करोड़ रुपए के वाटर फ्रंट विकास कार्यों के लिए प्रस्तावित किया गया है। इसका मात्र 50 फीसदी काम अब तक पूरा हो पाया है। 

    कुछ परियोजनाएं दिसंबर तक होंगी पूरी

    टीएमसी ने दावा किया है कि इनमें से कुछ परियोजनाएं दिसंबर के अंत तक पूरी हो जाएंगी। इसी प्रकार इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम के लिए 4.07 करोड़ मंजूर किए गए हैं, जिनमें से 84 फीसदी का काम पूरा हो चुका है । इसके अलावा 13.99 करोड़ रुपए में से 60.68 प्रतिशत उद्यम संसाधन नियोजन के लिए पूरा किया जा चुका है। 

    शत-प्रतिशत पूरा अर्बन रेस्ट रूम प्रोजेक्ट भी विवादों में

    स्मार्ट सिटी के तहत शहर के कई चौक और चौराहों पर अर्बन रेस्ट रूम बनाया गया है। ठाणे महानगरपालिका का स्मार्ट सिटी के तहत मात्र यही एक परियोजना है जिसका काम शत-प्रतिशत पूरा हो चुका है। इस पर भी करीब 4 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन आज भी यह अर्बन रेस्ट रूम महिलाओं के लिए नहीं खोला जा सका है। पता चला कि कई रेस्ट रूम बंद हैं। बिजली, पानी आदि की भी समस्या है, हालांकि हरियाली तालाब अर्थात ग्रीन लेक का काम भी शत-प्रतिशत पूरा कर लिया गया है। वहीं इंटीग्रेटेड कमांड एन्ड कंट्रोल रूम जरूर कार्यरत है और इसके लिए 28.80 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है। लेकिन शहर में लगे इस योजना के तहत अधिकांश सीसीटीवी कैमरे बंद पड़े है। 

     प्राप्त और खर्च किए गए धन 

     धन प्राप्त

    •  केंद्र सरकार – 196 करोड़
    •  राज्य सरकार – 98 करोड़
    •  ठाणे महानगरपालिका कोष – 200 करोड़ 
    •  कुल ख़र्च  – 494 करोड़

     खर्च किया गया फंड

    •  केंद्र सरकार – 196 करोड़
    •  राज्य सरकार – 98 करोड़
    •  ठाणे नगर निगम – 93।25 करोड़
    •  कुल – 387 करोड़

    पूर्ण परियोजनाओं का प्रतिशत 

    • अर्बन रेस्ट रूम- 100 प्रतिशत 
    •  कोपरी सैटिस पुल 2 – 30 प्रतिशत
    •  फुटपाथ में सुधार – 66 प्रतिशत
    •  व्यापक सीवरेज प्रणाली – 30प्रतिशत
    •  जलापूर्ति पुनर्गठन – 23.50 प्रतिशत
    •  स्टॉर्म वाटर ड्रेन – 23 प्रतिशत
    •  नया विस्तारित रेलवे स्टेशन – 03 प्रतिशत
    •  वाटर फ्रंट डेवलपमेंट – 58 प्रतिशत
    •  चौपाटी का विकास –  28 प्रतिशत
    •  सेवाओं की संस्थागत लाइसेंसिंग स्तर बेंचमार्किंग- 5 प्रतिशत

    कोरोना संक्रमण के कारण पहले लॉकडाउन होने के चलते कामगारों का पलायन करने का असर परियोजनाओं पर पड़ा था और कई परियोजनाएं स्मार्ट सिटी की धीमी गति से शुरू थी, लेकिन अब कोरोना का दूसरा लहर कम हुआ है और पाबंदियां भी खत्म हुई हैं। जिसके कारण अब परियोजनाओं को गति मिल रही है। जल्द ही कई परियोजनाएं पूरी होगी। कुछ परियोजनाएं पर्यावरण के कारण अटकी पड़ी है। जो जल्द ही दूर होगी।

    -संदीप मालवी,सीईओ, ठाणे स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी और अतिरिक्त आयुक्त-1, टीएमसी