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भिवंडी: 20 वर्षों पूर्व भिवंडी महानगरपालिका (Bhiwandi Municipal Corporation) का सृजन होने के उपरांत भी पावरलूम नगरी का विकास अभी तक कोसों दूर हैं। भिवंडी महानगरपालिका जहां 20 वर्षों के बाद भी शहर के नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने में असफल है, वहीं सरकारी मशीनरी की उदासीनता की वजह से पांच वर्षों पूर्व बीजेपी की देवेंद्र फडणवीस सरकार (Devendra Fadnavis Govt.) द्वारा मंजूर 52 आरसीसी मार्ग (RCC Road) अभी तक पूरे नहीं हो सके हैं। पावरलूम नगरी में रास्तों की बेहद खराब दशा की वजह से लोगों को हादसे का शिकार होना पड़ता है। 52 आरसीसी मार्ग में से अभी तक 15 मार्गों का ही निर्माण हो सका हैं। भिवंडीकरों को शिंदे-फडणवीस सरकार (Shinde-Fadnavis Government) से आशा है कि पावरलूम नगरी के सर्वांगीण विकास के लिए आरसीसी मार्ग निर्माण के लिए जल्द कदम उठाया जाएगा।

गौरतलब है कि 2017 में तत्कालीन बीजेपी की देवेंद्र फडणवीस सरकार द्वारा शहर की सड़कों की बदहाली को देखते हुए पावरलूम नगरी के सभी मार्गों को चकाचक करने के लिए 52 आरसीसी मार्ग निर्माण की मंजूरी प्रदान की गई थी। बीजेपी सरकार से मंजूरी के उपरांत शहर में 15 आरसीसी मार्ग का निर्माण हुआ जिससे लोगों में भारी खुशी फैली थी। 

मिल रही थी ठेकेदारों की शिकायत

भिवंडी महानगरपालिका प्रशासन सूत्रों की मानें तो 15 आरसीसी मार्ग निर्माण के बाद जनप्रतिनिधियों की मनमानी और ठेकेदारों द्वारा घटिया सामग्री निर्माण की शिकायत के बाद उद्धव सरकार के कार्यकाल में एमएमआरडीए ने फंड का अभाव कहकर शेष मार्ग निर्माण से पल्ला झाड़ लिया था। महानगरपालिका प्रशासन की कोशिशों के बाद ठाणे जिले के पालकमंत्री तत्कालीन नगर विकास मंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पहल पर पीडब्ल्यूडी द्वारा आठ मार्ग बेहद कम लंबाई के निर्माण कर बाकी मार्ग निर्माण से पल्ला झाड़ लिया था। पीडब्ल्यूडी द्वारा आठ मार्ग टुकड़ों अर्थात पूरे मार्ग का करीब 25 प्रतिशत निर्माण किया शेष मार्ग अभी तक गड्ढों की शक्ल में पड़े हैं। उद्धव ठाकरे सरकार के कार्यकाल के दौरान महानगरपालिका प्रशासन की बार-बार कोशिश के बाद भी एमएमआरडीए प्रशासन ने भिवंडी में आरसीसी मार्ग निर्माण के लिए कोई रुचि नहीं दिखाई जिससे मार्ग निर्माण कार्य रुक गया था।

शहर के तमाम मार्ग गड्ढा युक्त

विश्व में कपड़े की मैनचेस्टर माने जाने वाली पावरलूम नगरी भिवंडी के 15 आरसीसी मार्गों को छोड़कर सभी प्रमुख और संपर्क मार्ग गड्ढों से भरे पड़े हैं। गड्ढा युक्त मार्ग से गुजरते हुए वाहन हिचकोले खाते हैं। गड्ढों में जोरदार हिचकोले खाते हुए वाहनों का वीडियो कई बार दूरदराज शहरों से आने वाले नागरिकों द्वारा भिवंडी की दुर्दशा को बयां करते हुए वायरल किया गया है। बरसात में गड्ढों में गिरकर जानलेवा हादसे होते रहते हैं। आश्चर्य है कि बेहद कम दूरी पर स्थित और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के निवास स्थान से बेहद करीब स्मार्ट शहर ठाणे और कल्याण से सटी पावरलूम नगरी भिवंडी विकास से कोसों दूर हैं। बेहद अफसोस जनक है कि कार्य सम्राट मुख्यमंत्री शिंदे की नाक के नीचे अल्प दूरी पर स्थित पावरलूम नगरी के लिए विकास कार्यों का कोई खाका सरकारी तंत्र के पास नहीं है। करोड़ों रुपए का टैक्स चुका कर भी शहर के नागरिक मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित है।

महानगरपालिका प्रशासन के पास फंड की कमी

नागरिकों का आरोप है कि महानगरपालिका प्रशासन नागरिक सुविधाओं को पूर्ण करने में सदैव असफल साबित हुआ है। महानगरपालिका प्रशासन फंड नहीं होने का हमेशा बहानेबाजी करता है। महानगरपालिका सूत्रों की माने तो भिवंडी महानगरपालिका सरकारी अनुदान के बल पर ही चल रही है। महानगरपालिका की तिजोरी में केवल नागरिकों द्वारा भरा हुआ टैक्स आता है। बेहद कम फंड की वजह से महानगरपालिका प्रशासन शहर का कोई भी विकास कार्य करने में सफल नहीं होता है।

शेष आरसीसी मार्गों का निर्माण जरूर होगा

उक्त संदर्भ में एमएमआरडीए के एक अधिकारी ने बताया कि 52 मंजूर आरसीसी मार्गो में से 15 आरसीसी मार्ग पूर्ण हुए हैं। आठ मार्गों को टुकड़े-टुकड़े में पीडब्ल्यूडी ने बनाया है। नए नौ आरसीसी मार्ग पाइपलाइन में है। टेंडर, वर्क आर्डर प्रक्रिया पूर्ण होने की कगार पर हैं। मार्ग निर्माण संबंधी जरूरी निधि का आवंटन हुआ है। शांतिनगर मार्ग का निर्माण शुरू है। शासन से जरूरी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद शेष आरसीसी मार्गों का निर्माण जरूर होगा।