Taloja MIDC

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नवी मुंबई: तलोजा एमआईडीसी क्षेत्र में रासायनिक कारखानों द्वारा छोड़ी जाने वाली वायु को लेकर तलोजा (Taloja) और आसपास के नागरिकों से लगातार शिकायतें मिल रही थी। इस जिसे गंभीरता से लेते हुए लोक आयुक्त वी.एस. कानड़े ने संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में लोक आयुक्त ने तलोजा एमआईडीसी (Taloja MIDC) की कंपनियों से छोड़ी जाने वाली वायु के स्तर की निगरानी के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का आदेश राज्य सरकार के पर्यावरण विभाग को दिया है।

गौरतलब है कि आदर्श सामाजिक संगठन ने मुंबई के लोक आयुक्त से शिकायत की है कि तलोजा एमआईडीसी क्षेत्र से रात में निकलने वाले रासायनिक प्रदूषण से तलोजा, खारघर, रोडपली, कलंबोली और आसपास के गांवों के निवासी पीड़ित हैं। जिसकी पहली सुनवाई में लोक आयुक्त ने आदेश दिया था कि रसायनों की तेज गंध से क्षेत्रवासियों को हो रही परेशानी की लिखित जानकारी राज्य सरकार और लोक आयुक्त कार्यालय को दी जाए। इसके अनुसार, नवी मुंबई में महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा टीम के साथ औद्योगिक क्षेत्र के निरीक्षण के दौरान देखा गया कि रसायनों की तेज गंध थी, जबकि पनवेल तहसीलदार विजय तालेकर के कार्यालय द्वारा गठित टीम ने रिपोर्ट सौंपी कि तलोजा औद्योगिक क्षेत्र और आसपास के गांवों और कॉलोनियों में तेज गंध थी।

हवा की गुणवत्ता मापने उपकरण लगाने का दिया सुझाव

पनवेल तहसील कार्यालय से रिपोर्ट मिलने के बाद जन आयुक्त कानडे ने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और तलोजा एमआईडीसी के अधिकारियों को यह पता लगाने का निर्देश दिया कि किस कंपनी से हानिकारक गैसें और खतरनाक गैसें छोड़ी जा रही हैं। साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदूषण के साथ-साथ पानी और हवा की गुणवत्ता को मापने के लिए मीटर या तकनीकी उपकरण लगाने का सुझाव दिया।

तीन सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश

तलोजा एमआईडीसी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा छोड़ी जा रही दूषित वायु को लेकर लोक आयुक्त कानडे द्वारा बुलाई गई बैठक में पनवेल के तहसीलदार विजय तालेकर, राज्य पर्यावरण विभाग के अधिकारी राजीव सिन्हा, अंकुश गायकवाड, आदर्श सामाजिक संगठन के सुनील पाटिल और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी उपस्थित थे। इस मौके पर चर्चा करने के दौरान लोक आयुक्त कानडे ने उक्त मामले में तीन सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश सरकार के पर्यावरण विभाग को दिया है।