Apart from making the city smart, the municipality is also committed to keeping the health smart: Mayor Naresh Mhask

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    ठाणे: ठाणे (Thane) शहर के नागरिकों (Citizens) को स्मार्ट (Smart) बुनियादी (Basic) सुविधाएं (Facilities) प्रदान करने और स्मार्ट सिटी (Smart City) के माध्यम से उनके स्वास्थ्य को स्मार्ट रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उक्त बातें महापौर नरेश म्हस्के ने कही। वे FSSAI, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, महाराष्ट्र सरकार, ठाणे महानगर पालिका और स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सहयोग से वह शहर में शिक्षकों के लिए ‘ईट राइट स्कूल’ कार्यशाला के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे।

    इस कार्यशाला में उप महापौर पल्लवी कदम, स्थायी समिति के अध्यक्ष संजय भोईर, सदन के नेता अशोक वैती, महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. विपिन शर्मा, भाजपा गटनेता मनोहर डुंबरे, स्मार्ट सिटी के नगरसेवक और निदेशक विक्रांत चव्हाण, अतिरिक्त आयुक्त (1) और स्मार्ट सिटी के सीईओ संदीप मालवी, कोंकण संभाग के खाद्य एवं औषधि प्रशासन के संयुक्त आयुक्त एस.एस. देशमुख, उपायुक्त मनीष जोशी, सहायक आयुक्त एवं नोडल अधिकारी दिगंबर भोगवड़े, सहायक आयुक्त डी.बी. काडगे, शिक्षा अधिकारी ललिता दहितुल्ये सहित स्कूल के प्रधानाध्यापक, शिक्षक आदि उपस्थित थे।

    सफलता हासिल करेगी

    महानगरपालिका प्रशासन शहर का विकास करते हुए न केवल मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराकर नागरिकों के स्वास्थ्य को बनाए रखने का प्रयास कर रहा है। महानगरपालिका स्मार्ट सिटी के साथ-साथ स्मार्ट नागरिकों के साथ-साथ स्मार्ट बच्चों के लिए यहां रहने के लिए विभिन्न पहलों को लागू कर रहा है। केंद्र सरकार की सेफ ईटिंग, सस्टेनेबल ईटिंग की प्रतियोगिता में ठाणे महानगरपालिका को देश के टॉप 20 में जगह मिली है। जो गर्व की बात है। उक्त बातें महापौर नरेश म्हस्के ने व्यक्त करते हुए स्मार्ट सिटी के टीम की सराहना की। उन्होंने कहा कि बदलते समय के साथ अभी से हेल्दी डाइट लेना बहुत जरूरी है। यदि शिक्षक बच्चों में खाने की अच्छी आदतें डालेंगे, तो वे पूरे परिवार तक पहुंच सकेगा और पूरे देश में हो रही इस प्रतियोगिता में ठाणे महानगरपालिका निश्चित रूप से सफलता हासिल करेगी।

    सुधार करने में मदद करेगा

    इस कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. विपिन शर्मा ने मानव जीवन में स्वस्थ आहार के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि वक्त के साथ कैसे तालमेल बैठाया जाए, यह सिखाना जरूरी है। आज की भागदौड़ भरी दुनिया में हर किसी के खाने का समय बदल गया है। फास्ट फूड, मिलावटी खाद्य पदार्थ अपने आप में कई बीमारियों को आमंत्रण दे रहे है। इन बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए स्वस्थ आहार लेना जरूरी है। यह जानकारी प्रत्येक परिवार तक पहुंचाने के लिए बच्चे एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं,  इसलिए बच्चों का योगदान इसमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। बच्चों को अधिक समझ होती है और राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान अमूल्य है और वे स्वयं के साथ-साथ दूसरों में भी अच्छी आदतें डाल सकते है। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रशिक्षण पाठ्यक्रम निश्चित रूप से उन्हें एक बेहतर जीवन जीने के साथ-साथ उनकी जीवन शैली में भी सुधार करने में मदद करेगा।