
-अरविंद मिश्रा
कल्याण: मानसून (Monsoon) के आते ही कल्याण पश्चिम (Kalyan West) के बैल बाजार परिसर में स्थित कृषि उत्पन्न बाजार समिति (APMC) मार्केट की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। एक तरफ जहां इससे व्यापारी परेशान हैं, वहीं बाजार में आने वाले किसानों, वाहन चालकों और फुटकर विक्रेताओं को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं परिसर में बनाए गए कार्यालय के एसी कमरों में बैठकर अधिकारी आंखें बंद किए हुए हैं। अगर कोई व्यापारी इस विषय में शिकायत करता है तो उसे परेशान किया जाता है, जिससे कोई मुंह नहीं खोलता।
व्यापारियों का आरोप है कि 2008 के बाद से अब तक खानापूर्ति के लिए सड़कों की मरम्मत होती रही है। कल्याण का एपीएमसी मार्केट एक विस्तृत व्यापारिक केंद्र है, जहां पर दूरदराज से किसान अपना सामान बेंचने के लिए आते हैं, वहीं दूर-दूर तक के फुटकर विक्रेता यहां से सामान ले जाकर दुकानों में बेचते हैं।
बारिश के पानी से घिरे रहते हैं गाले
बारिश के समय यहां की वर्तमान स्थिति ऐसी है कि बाजार के अंदर किसी भी जगह पर चलने लायक स्थिति नहीं है। बारिश बंद होने के बावजूद बनाए गए गालों के आसपास जलभराव रहता है। भाजी मार्केट, कांदा बटाटा मार्केट, फूल मार्केट, फल मार्केट, गल्ला मार्केट कहीं भी ऐसी जगह नहीं, जहां बिना पानी में घुसे जा सकें।
गटर जाम होने से बढ़ी समस्या
मार्केट के सभी गटर जाम हैं और खुले पड़े हुए हैं जिनमें फंसकर छोटे वाहन अक्सर पलट जाते हैं और दुपहिया वाहनों के चालक गिरने से चोटिल होते हैं। फल मार्केट पूरी तरह पानी से घिरा हुआ है। फल मार्केट से ही लगाकर शौचालय है, जहां पर पहुंचने के लिए घुटनों तक पानी में जाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में व्यापारी और ग्राहक मार्केट से बाहर जाकर लघु शंका करने पर मजबूर हैं। फल मार्केट के 65 व्यापारी और इतने ही भाजी मार्केट के व्यापारी इस समस्या से जूझने को मजबूर हैं।
व्यापारियों का छलका दर्द, चौपट हो रहा धंधा
व्यापारियों का दर्द यह है कि जलभराव के कारण न तो किसान यहां आना चाह रहे हैं और न ही फुटकर विक्रेता। जिसके कारण पूरा व्यवसाय चौपट हो रहा है। किसान अंदर तक अपना माल नहीं ला पा रहे हैं जिससे वे अपना माल नहीं बेच पा रहे हैं। किसानों और व्यापारियों के लिए ही एपीएमसी प्रशासक यहां नियुक्त किया गया है, लेकिन 1 प्रतिशत सेस और दुकानों के भाड़े से हर महीने लाखों रुपए कमाने वाले सभापति और सचिव कान में तेल डालकर मस्त हैं। ऐसा नहीं है कि एपीएमसी मार्केट की ऐसी स्थिति पहली बार हुई है, बल्कि हर वर्ष इसी तरह की समस्याओं से व्यापारियों, किसानों को जूझना पड़ता है।
सुरक्षा रक्षक हटाने से बढ़े अपराध
हाल में ही यहां से सुरक्षा रक्षकों को हटा दिया गया है, जिससे चोरी और छिनैती की वारदातें भी बढ़ गई हैं। सभापति और सचिव व्यापारियों पर यह दबाव बना रहे हैं कि सुरक्षा रक्षकों का वेतन उनके द्वारा दिया जाए। बाहर से आने वाले ट्रक ड्राइवरों से लूटपाट होती है, लेकिन बाहर के होने के कारण वह पुलिस में नहीं जाते। इस संबंध में सभापति कपिल थले और सचिव भगवान देशमुख से संपर्क करने पर उन्होंने फोन नहीं उठाया। गाड़ियों में बैठकर ये दोनों भी उसी रास्ते से आते-जाते हैं लेकिन आंखें बंद करके। इतनी परेशानी के बावजूद किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति ने अब तक मार्केट का दौरा नहीं किया है। फल मार्केट एसोसिएशन का कहना है कि हम तो धरना प्रदर्शन भी नहीं कर सकते, वरना लाइसेंस रिन्यूअल रोक दिया जाएगा और तरह तरह के दंड लगाकर परेशान किया जाएगा। फिलहाल निकट भविष्य में व्यापारियों और किसानों की समस्या का कोई हल हो सकेगा यह असंभव लगता है।