thane water smart meter

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    ठाणे: ठाणे महानगरपालिका (Thane Municipal Corporation) की महत्वकांक्षी परियोजना स्मार्ट मीटर प्रकल्प (Smart Meter Project) धीमी गति से चल रहा है। इस योजना के तहत ठाणे महानगरपालिका क्षेत्र में कुल एक लाख 13 हजार मीटर लगाया जाने वाला था, लेकिन ठाणे (Thane) में अब तक 65,000 स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं और इसके लिए स्मार्ट मिशन योजना से 54 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। जबकि इस योजना को पूरा करने की कालावधि जनवरी 2020 थी, परंतु  कोरोना (Corona) के कारण योजना में एक साल की देरी हो गई थी और कालावधि जनवरी 2021 की गई थी। इसके बावजूद अब तक मात्र 65 फीसदी काम ही पूरा हो पाया है। वहीं अब तक 38 हजार ग्राहकों को स्मार्ट मीटर पद्धति द्वारा बिल भेजा जा चुका है। 

    स्मार्ट सिटी के तहत ठाणे शहर में एक लाख 13 हजार वाटर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। स्मार्ट मीटर को लेकर 2019 में टेंडर जारी किया गया था।  हालांकि कोरोना के कारण यह काम 1 साल के लिए टल गया था। कार्य विस्तार के साथ जनवरी 2022 में पूरा किया जाना था। हालांकि, विरोध के कारण और इस मुद्दे पर महासभा में चर्चा हुई, काम तुरंत रोक दिया गया है। इस काम के लिए स्मार्ट सिटी की ओर से 93 करोड़ रुपए दिए गए हैं। इस हिसाब से 50 करोड़ खर्च किए गए हैं। महानगरपालिका प्रशासन ने रखरखाव और मरम्मत के लिए 27 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

    नगरसेवकों के महासभा में विरोध के कारण लटका फिर काम 

    गौरतलब है कि सभी पार्टी के नगरसेवकों ने हाल ही में हुई महासभा की बैठक में मांग की थी कि झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर नहीं लगाए जाएं, यह आरोप लगाते हुए कि स्मार्ट मीटर लगाने से महानगरपालिका का राजस्व बढ़ने के बजाय कम हुआ है। इसलिए जब तक स्मार्ट मीटर की व्यवस्था में सुधार नहीं किया जाता है, तब तक पुराने नियमानुसार ही बिलों का भुगतान किया जाए। इस संदर्भ में महापौर नरेश म्हस्के ने भी सदन में सर्वदलीय नगरसेवकों को आश्वासन दिया था, लेकिन महानगरपालिका सूत्रों की मानें तो अब तक 38,000 ग्राहकों को स्मार्ट मीटर के समान बिल दिया गया है और उन्हें उसी तरह से भुगतान करना होगा। 

    शिकायतें होंगी कम और ठाणेकरों को होगा फायदा 

    अब तक ये स्मार्ट मीटर 65,000 जगहों पर लग चुके हैं और उस मीटर के मुताबिक तीन महीने बाद ठाणेकर के नागरिकों को पानी के बिल भेजे जा रहे हैं। यह भी आरोप लगाया गया था कि बिल को पहली बार भेजे जाने पर अधिक मात्रा में भेजा गया था।  साथ ही जनप्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को आम सभा में लाया और चर्चा की।  हालांकि इस मीटर जैसा बिल भेजने पर कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है। मुंब्रा के आलावा महानगरपालिका द्वारा लगाए गए कुल 65,000 मीटर में से लगभग सभी हाऊसिंग कॉम्प्लेक्स इसमें शामिल हैं। दूसरी ओर, झुग्गी-झोपड़ियों में अभी तक हर जगह स्मार्ट मीटर नहीं लगाए गए हैं। इस स्मार्ट मीटर के अनुसार हर तीन माह में उपयोग होने वाले पानी का बिल मीटर धारक को दिया जाएगा। इस पद्धति के लागू होने से पानी की खपत निश्चित रूप से कम हो जाएगी और पानी के बिल की रिकवरी समय पर हो जाएगी। साथ ही तीन माह बाद पानी का बिल भर जाने के कारण वसूली नहीं हो पा रही है। हालांकि, यह संख्या निश्चित रूप से कम नहीं होगी, लेकिन यह चरणों में बढ़ता रहेगा। ठाणे महानगरपालिका प्रशासन का कहना है कि भविष्य में शिकायतें कम होंगी और इससे ठाणे के नागरिकों को निश्चित तौर पर फायदा होगा।

    अब तक 45 करोड़ की वसूली

    सूत्रों के अनुसार, 45.22 करोड़ रुपए की लागत से पानी का बिल जमा किया गया है, जिसमें से 10 करोड़ रुपए का भुगतान स्मार्ट मीटर द्वारा जारी बिल के अनुसार किया जा चुका है।