Thane Municipal Corporation
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    ठाणे : महानगरपालिका (Municipal Corporation) और सत्ताधारी शिवसेना (Shiv Sena) की लापरवाही के चलते केंद्र सरकार की विशेष निधि से मिलने वाली करीब 100 इलेक्ट्रिक बसों (Electric Buses) से ठाणे महानगरपालिका परिवहन सेवा (Thane Municipal Transport Service) को वंचित होना पड़ा है। उक्त आरोप भाजपा (BJP) के ठाणे उपाध्यक्ष (Thane Vice President) सुजय पत्की (Sujay Patki) ने लगाया। उन्होंने इसके लिए महानगरपालिका में सत्तासीन शिवसेना को जिम्मेदार ठहराया है। महानगरपालिका प्रशासन और शिवसेना की नाकामी से तमाम यात्रियों को परेशान होना पड़ा है।

    केंद्र सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक बसों के लिए प्रस्ताव को सादर करने का सुझाव ठाणे महानगरपालिका को दिया गया था लेकिन इसके बावजूद इस संबंध में कोई कदम महानगरपालिका द्वारा नहीं उठाया गया। बढ़ते शहरीकरण को देखते सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सक्षम बनाने और वाहनों से होने वाले प्रदूषण से निपटने की दिशा में वर्ष 2019 में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय ने ‘फेम’ योजना शुरू की थी। उसके तहत पर्यावरण के अनुकूल बसों की खरीद के लिए धन उपलब्ध कराया गया था।

    नाशिक महानगरपालिका की 50 और सोलापुर की 25 बसें है

    इस योजना में भाग लेने के लिए केंद्र के भारी उद्योग मंत्रालय ने प्रस्ताव सादर करने का आवाहन किया था। इसके तहत महाराष्ट्र में 725 बसें उपलब्ध कराई गई हैं। जिनमें मुंबई महानगरपालिका की 300, पुणे की 150, नवी मुंबई महानगरपालिका और नागपुर की 100 -100, नाशिक महानगरपालिका की 50 और सोलापुर की 25 बसें है। लेकिन एमएमआर रीजन की ठाणे महानगरपालिका योजना का लाभ नहीं उठा पाई। सुजय पत्की के अनुसार अगर प्रस्ताव दिया गया होता तो ठाणे को केंद्र से 60 से 70 करोड़ की निधी मिली होती और करीब 100 इलेक्ट्रिक बसें परिवहन सेवा में शामिल हो सकती थी। इस बारे में कमिश्नर डॉक्टर बिपिन शर्मा और अतिरिक्त आयुक्त संदीप मालवी से संपर्क की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो सका।