बिल्डरों को अब अंबरनाथ नगरपालिका के जलापूर्ति विभाग से लेना होगा NOC, पानी की किल्लत को लेकर लिया गया फैसला

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    अंबरनाथ : जैसे-जैसे अंबरनाथ (Ambernath) शहर की आबादी बढ़ रही है और इससे पानी (Water) की मांग भी लगातार बढ़ रही है। जल वितरण पर प्रभाव को देखते हुए शहर को जलापूर्ति (Water Supply) करने वाले महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण प्रशासन (Maharashtra Life Authority Administration) ने आने वाले समय में शहर में बिल्डिंगों (Buildings) के नए निर्माण की अनुमति देने से पहले संबंधित बिल्डर को एमजेपी (MJP) से अनापत्ति प्रमाण पत्र (No Objection Certificate) लेना बंधनकारक किए जाने का निर्णय लिया है। 

    इस तरह की एनओसी अनिवार्य किए जाने को लेकर जलापूर्ति महकमे के कार्यकारी अभियंता ने उस क्षेत्र में पानी की उपलब्धता के संबंध में महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के संबंध में नपा से पत्राचार किया है। एमजेपी के पत्र से बिल्डरों की चिंता बढ़ने की संभावना है। अंबरनाथ शहर के पूर्व और पश्चिम में कई इलाकों में पानी की कमी की समस्या बनी हुई है, शहर में सूर्योदय सोसायटी, कोहोजगांव, पालेगांव, जावसई आदि परिसर में बड़े बड़े कॉम्प्लेक्स बन रहे है। 

    जलापूर्ति विभाग की एनओसी लेना जरूरी

    भविष्य में नागरिकों के विरोध का सामना न करना पड़े इसलिए जलापूर्ति महकमे के कार्यकारी अभियंता मिलिंद बसनगार ने अंबरनाथ नगरपालिका के मुख्याधिकारी डॉ. प्रशांत रसाल को पत्र भेजकर आगाह किया है कि बिल्डिंगों के निर्माण के लिए आपके महकमे के पास आने वाले प्लान के साथ ही जहां बिल्डिंग बननी है। वर्तमान में उस क्षेत्र में पानी की उपलब्धता की स्थिति क्या है। इसलिए जलापूर्ति विभाग की एनओसी लेना जरूरी है। अब देखना यह है कि जलापूर्ति विभाग के पत्र पर नगरपालिका प्रशासन कितनी गंभीरता दिखाती है। 

    जलसंकट वाले क्षेत्रों की समस्या के समाधान के लिए एमजेपी और जनप्रतिनिधियों द्वारा इसके समाधान की योजना बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके चलते शहर के सबसे अधिक कमी प्रभावित क्षेत्र जावसाई क्षेत्र के पाजर तालाब की ऊंचाई बढ़ाए जाने की मांग विधायक डॉ. बालाजी किणीकर ने मुख्यमंत्री से की है।