Bhiwandi JAM

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    भिवंडी: पावरलूम नगरी भिवंडी (Bhiwandi) में दिनों दिन बढ़ती आबादी के हिसाब से भिवंडी महानगरपालिका प्रशासन (Bhiwandi Municipal Administration) द्वारा यातायात व्यवस्था के लिए कोई कारगर योजना लागू नहीं किए जाने की वजह से शहरवासी भारी परेशानी झेल रहे हैं। सुबह से शाम तक समूचे शहर में प्रत्येक प्रमुख मार्गों पर जाम लगा होने से लोगों को आवागमन में भारी दिक्कत उठानी पड़ रही है। यातायात व्यवस्था पर कोई कारगर उपाय और ठोस नियंत्रण न होने से  इमरजेंसी सेवाएं, स्कूल बसें समय से गंतव्य तक नहीं पहुंचने से मरीजों और छोटे-छोटे बच्चों को भी भारी तकलीफ का सामना करना पड़ रहा हैं। 

    ट्रैफिक विभाग और महानगरपालिका प्रशासन में कोई तालमेल न होने का खामियाजा शहरवासी भोगने को विवश हैं। महानगरपालिका प्रशासन की लापरवाही की वजह से भिवंडी में ‘नौ दिन चले अढ़ाई कोस’ की कहावत चरितार्थ हो रही है।

    इन इलाकों को में अक्सर लगता है जाम

    गौरतलब है कि पावरलूम नगरी की आबादी लगातार बढ़ रही हैं। बढ़ती आबादी के मद्देनजर महानगरपालिका प्रशासन और ट्रैफिक विभाग द्वारा कोई कारगर नियोजन नहीं किए जाने से यातायात व्यवस्था पर नियंत्रण करना कठिन हो गया हैं। बढ़ती आबादी के अनुसार दो पहिया चार पहिया वाहनों के बढ़ने की वजह से भिवंडी के प्रमुख मार्ग अंजुर फाटा से धामनकर नाका,कल्याण नाका से एसटी स्टैंड, बंजार पट्टी नाका से तीन बत्ती, मंडई, पुराना आगरा रोड,बीएनएन कालेज मार्ग, शांति नगर, कामतघर आदि मार्गों पर हमेशा ट्रैफिक जाम लगा रहता है। भिवंडी में कम दूरी भी घंटों में लोगों को तय करनी पड़ती है।

    भिवंडी में बढ़ रही प्रदूषण का समस्या

    भारी ट्रैफिक की वजह से शहर में प्रदूषण की समस्या भी निरंतर बढ़ रही है। जाम से बढ़ते प्रदूषण के कारण शहरवासियों को शुद्ध हवा भी अब नसीब नहीं हो रही है। लोगों को समय की बर्बादी और आर्थिक बर्बादी भी सहनी पड़ रही है। शहर में दिनों दिन बढ़ती आबादी के हिसाब से महानगरपालिका प्रशासन द्वारा प्रमुख मार्गों के किनारे हुए अवैध निर्माण पर कोई कारगर कार्रवाई नहीं किए जाने का खामियाजा भी शहरवासियों को उठाना पड़ रहा है। प्रमुख सड़कों के दोनों तरफ फुटपाथ पर भी फेरीवालों, दुकानदारों द्वारा अवैध कब्जा जमा लिए जाने की वजह से सड़क की चौड़ाई कहीं-कहीं कम होने से यातायात जाम की समस्या से लोगों को जूझना पड़ा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि महानगरपालिका प्रशासन सब कुछ जानबूझकर भी आंखें बंद हुए सिर्फ तमाशबीन बनी हुई है।

    सिग्नल प्रणाली बंद होने से भी होती है परेशानी 

    शहर के नागरिकों का आरोप है कि भिवंडी शहर स्थित प्रमुख चौराहा बंजार पट्टी नाका, एसटी स्टैंड, जकात नाका, कल्याण नाका, धामनकर नाका, अंजुरफाटा आदि प्रमुख चौराहों पर महानगरपालिका प्रशासन द्वारा 2 करोड़ रुपए खर्च कर सिग्नल प्रणाली बैठाई गई है। महानगरपालिका प्रशासन द्वारा लाखों रुपए खर्च कर शुरु की गई सिग्नल प्रणाली कुछ समय शुरू होने के बाद ही बंद हो गई हैं। सिग्नल प्रणाली बंद होने की वजह से शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर भारी यातायात जाम की समस्या से लोगों को जूझना पड़ रहा है। नागरिकों की मानें तो एक- दो किलोमीटर की दूरी भी घंटों में तय करनी पड़ रही है। मंडई से महानगरपालिका मुख्यालय तक अल्प दूरी को तय करने में करीब एक घंटे लगते हैं।

    इमरजेंसी सेवाएं भी चढ़ीं जाम की भेंट

    भिवंडी शहर में नागरिकों की सुविधा के लिए शासन द्वारा चलाई जा रही अत्यावश्यक सेवाएं एंबुलेंस सेवा, पोस्ट सेवा, बैंकिंग सेवा सहित स्कूली बच्चों की बस सेवा आदि यातायात जाम की भेंट चढ़ रही है। भारी यातायात जाम की वजह से इमरजेंसी सेवाएं भी कभी भी समय से गंतव्य स्थानों तक नहीं पहुंच रही हैं जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा हैं।

    आटो रिक्शा वाले भी बढ़ा रहे जाम 

    भिवंडी में सभी प्रमुख मार्गों सहित संपर्क मार्गों के किनारे अवैध रूप से ऑटो रिक्शा स्टैंड बने हुए हैं। जागरूक लोगों की शिकायत है कि सड़क के किनारे खड़े दर्जन भर ऑटो रिक्शा भी यातायात जाम को बढ़ावा देते हैं। ट्रैफिक विभाग ऑटो रिक्शा वालों से वसूली में लिप्त हैं, बावजूद नागरिकों की कोई चिंता नहीं। लोगों का कहना है कि महानगरपालिका प्रशासन को ऑटो रिक्शा स्टैंड की मंजूरी देते समय ट्रैफिक समस्या पर ध्यान देना जरूरी है।

    कारगर नीति बनाने की जरूरत

    प्रदेश कांग्रेस महासचिव मु.तारिक फारुकी का कहना है कि शहर की अनवरत बढ़ती आबादी के मद्देनजर महानगरपालिका प्रशासन को शहर को यातायात जाम की चपेट से बचाने के लिए कारगर नीति बनानी चाहिए। सुबह से देर रात तक भारी वाहनों को शहर में घुसने पर पाबंदी लगानी चाहिए। शहर के सभी प्रमुख मार्गो पर हुए अवैध कब्जों को अतिक्रमण मुक्त करना चाहिए। शासन द्वारा वर्षों से मंजूर डीपी प्लान को अमल में लाना चाहिए जिससे सड़कें चौड़ी होने से यातायात समस्या पर कारगर तरीके से नियंत्रण पाया जा सके।

    इमरजेंसी सेवाएं भी हो रही हैं बाधित 

    तिरुपति अस्पताल के डॉक्टर संजय यादव का कहना है कि यातायात जाम की वजह से इमरजेंसी सेवाएं भी बाधित हो रही हैं। सड़क हादसे में गंभीर घायल मरीजों को लेकर आने वाली एंबुलेंस भी जाम में फंस जाने से घायल मरीजों का समुचित उपचार भी कठिन हो जाता हैं। हादसे के उपरांत समय से उपचार नहीं मिलने से मरीज के परिजन दुख झेलते हैं। महानगरपालिका प्रशासन और ट्रैफिक विभाग को यातायात जाम की गंभीर समस्या निवारण पर विशेष ध्यान देना चाहिए।