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    भिवंडी: कचरा ढुलाई को लेकर हाईकोर्ट और शासन के तमाम दिशा-निर्देशों का उल्लंघन भिवंडी (Bhiwandi) में दिखाई पड़ रहा है। शहर में पूरे दिन खुली घंटा गाड़ियों (Open Vehicles) में कचरा (Garbage) ढोया जा रहा है। खुली घंटा गाड़ियों में जमा बदबूदार कचरे की वजह से लोगों को मुंह बांधकर सड़क पर चलने की मजबूरी है। भिवंडी में स्वच्छता अभियान की खुलेआम धज्जियां भिवंडी महानगरपालिका सफाई कर्मियों द्वारा उड़ाई जा रही हैं। स्थानीय नागरिकों की बार-बार शिकायत के उपरांत भी महानगरपालिका प्रशासन कोई सार्थक कदम नहीं उठाता है जिससे शहरवासियों में नाराजगी व्याप्त है।

    गौरतलब है कि भिवंडी महानगरपालिका सफाई कर्मियों की लापरवाही से शहर की दशा बेहद खराब हो गई है। महानगरपालिका प्रशासन के तमाम दिशा-निर्देशों के बाद भी जहां प्रत्येक क्षेत्रो में कचरे का अंबार फैला है, वहीं खुली गाड़ी में ही कचरा ढोया जा रहा है जिससे राहगीरों को बदबू का सामना करना पड़ता है। खुले वाहन में कचरा ढुलाई से गीला कचरा  फिर से सड़क पर ही गिर जाता है और कभी-कभार पीछे चल रहे दुपहिया वाहन चालकों और पैदल यात्रियों पर भी बदबूदार कचरा गिरता देखा जाता है। 

    महानगरपालिका की लापरवाह कार्यप्रणाली 

    महानगरपालिका की लापरवाह कार्यप्रणाली को लेकर शहर के नागरिकों में आक्रोश व्याप्त है। नागरिकों का आरोप है कि महानगरपालिका प्रशासन प्रतिमाह शहर स्वच्छता के लिए करीब सवा करोड़ रुपए से अधिक की राशि कचरा उठाने के लिए खर्च करता है। रहिवासी और पावरलूम क्षेत्रों में निकलने वाला गीला और सूखा कचरा बंद घंटा गाडी में ही उठाकर डंपिंग ग्राउंड तक ले जाने का हाईकोर्ट का आदेश है, बावजूद महानगरपालिका सफाई कर्मी हाईकोर्ट के समस्त दिशा-निर्देशों को ताक पर रखकर कचरा खुली गाड़ियों में मस्ती से ढुलाई करते हुए दिखाई पड़ते हैं। 

    लोगों को होती है परेशानी

    शहर के सभी प्रमुख मार्गों वंजारपट्टी नाका,शिवाजी चौक, धामनकरनाका, कल्याण मार्ग, जूना आगरा रोड़, अंजूरफाटा, कामतघर, तीनबत्ती, मंडई आदि व्यस्ततम क्षेत्रों से सफाई कर्मियों द्वारा कचरा खुले वाहनों में प्रतिदिन ढोया जा रहा है जिससे सड़क पर चल रहे नागरिकों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। स्थानीय नागरिकों की माने तो कई जगहों पर तो कचरा डंपिंग ग्राउंड तक पहुंचाए जाने की जगह उसे उसी जगह पर आग लगाकर जला दिए जाने से पर्यावरण दूषित होनें की शिकायतें भी क्षेत्रीय नागरिकों द्वारा की जाती है। 

    जनप्रतिनिधियों की शिकायत भी बेअसर

    कई महानगरपालिका के जनप्रतिनिधियों द्वारा महानगरपालिका महासभा में भी कई बार सफाईकर्मियों की लापरवाही का मुद्दा उठाया जा चुका है, परंतु कोई ठोस निर्णय प्रशासन द्वारा नहीं लिया जा रहा है। कई जनप्रतिनिधियों का कहना है कि महानगरपालिका प्रशासन को खुली गाड़ियों में कचरा ढोने वाले वाहन चालकों पर सख्त कार्रवाई करना चाहिए। महानगरपालिका स्थाई समिति सदस्य भाजपा नगरसेवक श्याम अग्रवाल ने महानगरपालिका कमिश्नर सुधाकर देशमुख से महानगरपालिका के सफाई कर्मियों की लापरवाह पूर्ण कार्यप्रणाली पर अंकुश लगाने की मांग की है।