CNG and PNG Price Hike
CNG वाहन की फाइल फोटो

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    कल्याण : सीएनजी गैस (CNG Gas) के दामों (Prices) में भारी बढ़ोतरी (Hike) से रिक्शा टैक्सी चालक (Rickshaw Taxi Driver) सदमे में हैं। एक वर्ष के दौरान सीएनजी की कीमतों में 38 रुपए की वृद्धि हुई है।   सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते रिक्शा किराया बढ़ाने की मांग की गई है। वहीं केंद्र सरकार (Central Government) और राज्य सरकार (State Government) को एक्साइज टैक्स कम करके और हो सके तो सब्सिडी देकर सीएनजी की कीमत पर नियंत्रण करना चाहिए। ऐसी मांग करते हुए रिक्शा, टैक्सी फेडरेशन ने चेतावनी दी है, मांग पूरी नहीं होने पर अपरिहार्य होगा आंदोलन। 

    रिक्शा टैक्सी का किराया तत्काल बढ़ाने की मांग

    सीएनजी गैस की दर फरवरी 2021 में 47.90 रुपए प्रति किलोग्राम से बढ़कर अगस्त 2022 में 86 रुपए हो गई, जो एक साल में 38 रुपए प्रति किलोग्राम की भारी वृद्धि है। कोंकण डिवीजन रिक्शा टैक्सी एसोसिएशन ने सीएनजी गैस की बढ़ती कीमतों के कारण रिक्शा टैक्सी किराए में तत्काल वृद्धि की मांग की है।   फेडरेशन ने किराया वृद्धि और रिक्शा टैक्सी चालकों की लंबित कानूनी मांगों को लेकर एक अगस्त को अनिश्चितकालीन रिक्शा हड़ताल पर जाने का फैसला किया था। लेकिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हस्तक्षेप किया और जल्द ही रिक्शा टैक्सी चालकों की समस्याओं को हल करने का वादा किया, इसलिए फेडरेशन ने रिक्शा टैक्सी बंद आंदोलन को स्थगित कर दिया था। 

    चालक बार-बार किराया नहीं बढ़ा सकते

    लेकिन रिक्शा टैक्सी चालकों के लंबित मुद्दों और सीएनजी गैस की कीमत में वृद्धि और परिवहन प्रशासन द्वारा रिक्शा टैक्सी का किराया बढ़ाने में देरी के कारण रिक्शा चालकों में व्यापक असंतोष है। यात्री और रिक्शा टैक्सी चालक बार-बार किराया नहीं बढ़ा सकते। यदि भविष्य में रिक्शा टैक्सी का अनुचित किराया बढ़ा दिया जाता है, तो संभावना है कि यात्री रिक्शा टैक्सियों की ओर रुख नहीं करेंगे। 

    जब सीएनजी गैस की बढ़ती कीमतों और महंगाई के चलते परिवहन प्रशासन रिक्शा-टैक्सी के किराए में बढ़ोतरी करता है। रिक्शा टैक्सी चालक को राहत मिल सकती हैं। अगर ऐसा नहीं हुआ तो प्रणव पेनकर ने चेतावनी दी कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार को उत्पाद कर में रियायत देकर और सीएनजी गैस पर सब्सिडी देकर सीएनजी की कीमत को नियंत्रित करना चाहिए और कीमत को स्थिर रखना चाहिए अन्यथा रिक्शा चालकों द्वारा आंदोलन अपरिहार्य है।