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  • मनपा की तिजोरी खाली

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ठाणे. बीते साल 770 करोड़ रुपए वसूलने वाले शहर विकास विभाग की तिजोरी इस साल खाली है। विभाग को इस साल 984 करोड़ रुपए की वसूली का लक्ष्य दिया गया था। जिसमें से अभी तक केवल 114 करोड़ रुपए ही वसूला जा सका है। कहा जा रहा है कि कोरोना महामारी (Corona epidemic) के चलते इस साल शहर में निर्माण कार्य क्षेत्र को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। इसका नतीजा यह रहा कि मनपा की भी तिजोरी पर भी इसका असर हुआ है।  

बता दें कि लोग मुंबई के बाद अब ठाणे शहर में घर खरीदना पसंद करने लगे हैं। खरीददारों की पसंद को देखते हुए भवन निर्माताओं नमे बीते कई सालों में बड़ी संक्चया में पुराने ठाणे से लेकर कासारवड़वली और गायमुख तक  इमारतों को खड़ा कर दिया। शहर में बनाई गई। नई इमारतों में लोग आवास खरीदने में दिलचस्पी भी दिखाने लगे थे। इसके साथ ही मनपा के शहर विकास विभाग की तिजोरी भी इसके विकास कार्यों से भरने लगे थे। हालांकि मार्च महीने से कोरोना महामारी के पांव पसारने के बाद से सबसे ज्यादा असर रियल इस्टेट (Real estate) को पहुंचा है। कोरोना महामारी ने निर्माण कार्य व्यापारियों को भारी क्षति पहुंचाया है। इसका असर मनपा के शहर विकास विभाग पर भी हुआ है।

870 करोड़ रुपए वसूल करने का टार्गेट

जानकारी के अनुसार बीते साल शहर विकास विभाग ने करीब 770 करोड़ रुपए की वसूली की थी। इस वसूली को देखते हुए इस बार मनपा की बजट में स्थाई समिति ने शहर विकास विभाग को 984 करोड़ रुपए की वसूली का लक्ष्य दिया था। हालांकि दिसंबर अंत तक शहर विकास विभाग दिए गए लक्ष्य में से केवल 114 करोड़ 26 लाख रुपए की ही वसूली कर सकी है। ऐसे में विभाग के सामने अगले 3 महीनों में 870 करोड़ रुपए की वसूली करने का भारी भरकम टार्गेट है।