मार्निंग वॉक पर प्रदूषण का जानलेवा खतरा

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नवी मुंबई. अगर आप खारघर, तलोजा क्षेत्र में रहते हैं और अच्छी सेहत के लिए मार्निंग वॉक (Morning walk) पर जाते हैं तो सावधान हो जाईए। क्योंकि प्रदूषण (Pollution) से भरी सुबह की जहरीली हवाएं आपकी सेहत बिगाड़ सकती हैं। दरअसल यह दावा पर्यावरण जागरूकता पर काम करने वाली वातावरण संस्था ने किया है। महीने भर के 5 ठिकानों पर खुद एयर मानिटरिंक (Air monitoring) करने के बाद संस्था ने जो रिपोर्ट दी है उसके मुताबिक खारघर सेक्टर 36 एवं नावड़ा तलोजा रहिवासी इलाका पनवेल मनपा क्षेत्र का सर्वाधिक प्रदूषित इलाका है। तलोजा एमआईडीसी (Taloja MIDC) क्षेत्र में हवाओं में पार्टिकुलेट मैटर भारतीय मानकों से तकरीबन 80 फीसदी ज्यादा हैं। जाहिर है इससे सेहत के बिगड़ने का बड़ा खतरा है।

तलोजा MIDC से फैल रही जहरीली हवाएं

भारतीय स्वास्थ्य मानकों के अनुसार हवाओं में 60 माईक्रोग्राम प्रति क्युबिक मीटर तक पार्टिकुलेट मैटर सामान्य होते हैं, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन सिर्फ 25 माईक्रोग्राम तक ईजाजत देता है। वातावरण की रिपोर्ट की मानें तो तलोजा एमआईडीसी में हवा की स्थिति 139.27 माईक्रोग्राम/ क्यूबिक मीटर पर जो 80 फीसदी से ज्यादा है। वहीं तलोजा नावड़ा में 99.16, खारघर सेक्टर 35 में 95.50, सेक्टर 7 खारघर में 93.68, जबकि पनवेल के सेक्टर 13 में 79.87 माईक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पार्टिकुलेट मैटर हवा में तैर रहे हैं। यह बुजुर्गों और बच्चों के फेफड़े में आसानी से समा जाते हैं और खतरनाक बीमारियां फैलाने के लिए काफी हैं।

स्वच्छ श्वास आंदोलन की तैयारी

खारघर, तलोजा और पनवेल में विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार सामान्य से 4 से 6 गुना ज्यादा प्रदूषण है। जबकि भारतीय मानकों के अनुसार 50 से 60 फीसदी अधिक है। वातावरण संस्था की डेटा एनालिसिस्ट फराह ठाकुर बताती हैं कि ठंडी के मौसम में हवा की गुणवत्ता में बदलाव औऱ भी मुसीबत बढ़ाएगा। बता दें कि बीते साल लॉकडाउन से पहले ऐसी ही मुसीबतों को लेकर खारघर, तलोजा क्षेत्र के रहिवासियों ने स्वच्छ श्वास आंदोलन चलाया था और एमआईडीसी क्षेत्र में प्रदूषण फैला रही कंपनियों पर तत्काल लगाम कसने की मांग की थी। कहना जरूरी नहीं है कि कि अगर कंट्रोल होता तो फिर हवाएं इतनी जहरीली न होतीं।