Property Tax

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    उल्हासनगर : मुख्यमंत्री (Chief Minister) उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने नए साल के तौफे के रूप में मुंबई महानगरपालिका (Mumbai Municipal Corporation) क्षेत्र के नागरिकों (Citizens) को 500 वर्ग फुट (500 sq ft) के घरों (Houses) का गृह कर माफ करने का निर्णय लिया है।

    इसी तर्ज पर ठाणे (Thane) और नवी मुंबई महानगरपालिका (Navi Mumbai Municipal Corporation) में भी ऐसा ही एक प्रस्ताव पारित किया गया है। लेकिन इसी तरह की मांग शिवसेना (Shiv Sena) के शहर प्रमुख राजेंद्र चौधरी ने विगत दो साल पहले की थी, जो अभी तक मंजूर नहीं हुई है। मुंबई (Mumbai) की तरह यह छूट स्थानीय लोंगों को भी मिलने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है।

    राज्य सरकार को प्रस्ताव नहीं भेजा था

     2017 के महानगरपालिका चुनावों में शिवसेना के चुनावी घोषणा पत्र में शहर के नागरिकों को आश्वासन दिया गया था कि 500 ​​फुट के घरों को कर से छूट दी जाएगी। उसी के अनुसार 2019 में जब महापौर पंचम कालानी और गणेश पाटिल आयुक्त थे, तब आमसभा की बैठक में कर छूट का एक अनौपचारिक प्रस्ताव पारित किया गया था। लेकिन महानगरपालिका प्रशासन ने खराब वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए राज्य सरकार को प्रस्ताव नहीं भेजा था। 

    500 फुट के मकानों को कर मुक्त

    हालांकि  उल्हासनगर महानगरपालिका प्रस्ताव पारित करने वाली पहली महानगरपालिका है, लेकिन वही इस मामले में पिछड़ गई है और बाकी महानगरपालिका के जनप्रतिनिधि इस मुद्दे को लेकर गंभीर हो गए है। शिवसेना के शहर प्रमुख राजेंद्र चौधरी ने उक्त मांग पर कहा कि महापौर लीलाबाई आशान और महाविकास अघाड़ी का प्रतिनिधिमंडल इस संबंध में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और नगरविकास मंत्री एकनाथ शिंदे को निवेदन देकर पारित प्रस्ताव के अनुसार 500 फुट के मकानों को कर मुक्त करने की मांग की जाएगी।

    हाल ही में पारित महासभा में कमिश्नर डॉ. राजा दयानिधि के मार्गदर्शन में उपायुक्त मुख्यालय अशोक नाइकवाडे की पहल पर फेरीवालों, मोबाइल टावरों, दुकानदारों, कारखाना मालिकों, तबेलों, पालतू जानवरों आदि से राजस्व बढ़ाने के लिए शुल्क लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया है। इससे महानगरपालिका को सालाना करीब 100 करोड़ रुपए की आमदनी होने की उम्मीद है। राजेंद्र चौधरी ने बताया कि इसी के मद्देनजर महानगरपालिका को टैक्स छूट के लिए सकारात्मक कदम उठाने चाहिए।