राज्य में बीजेपी की सत्ता के बावजूद भिवंडी में प्रधानमंत्री आवास योजना खटाई में

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    भिवंडी : भिवंडी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की मध्यम वर्ग (Middle Class) और गरीबों (Poor) के लिए महत्वाकांक्षी आवास योजना (Ambitious Housing Scheme) निर्माण के पूर्व ही खटाई में पड़ गई है। आवास निर्माण मटेरियल में भारी महंगाई की वजह से परियोजना ठेकेदार पीएमसी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने आवास योजना से पल्ला झाड़ कर अमानती राशि सहित क्षतिपूर्ति के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी आवास योजना के खटाई में पड़ने से गरीब और मध्यम वर्ग के असंख्य लोगों में रियायती कीमत पर आशियाना मिलने को लेकर निराशा फैल गई है। गौरतलब हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी आवास योजना के लिए केंद्रीय राज्य सरकार के निर्देश पर महानगरपालिका द्वारा चाबिंद्रा स्थित पोगांव आरक्षण क्रमांक 124 नामक भूखंड की 10/67 हेक्टेयर भूमि पर 6 हजार 60 ईडब्ल्यूएस फ्लैट,112 दुकान का निर्माण किया जाना था। प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए कुल 23 बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया जाना था। आवास लाभार्थियों को फ्लैट खरीदी पर केंद्र सरकार से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रति फ्लैट डेढ़ लाख, राज्य शासन से 1 लाख सहित कुल ढाई लाख रुपए की रियायत मिलनी है। प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को करीब 11 लाख 50 हजार रुपए में परियोजना में शानदार घर मिलना था।

    4 वर्ष के बाद भी आवास योजना निर्माण का नही कोई हल

    आवास परियोजना निर्माण के लिए महानगरपालिका प्रशासन द्वारा 19 जून 2019 को टेंडर निकाला था जो पीएमसी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (अहमदाबाद) ने 673 करोड़ 56 लाख 48 हजार, 898 रुपए में निर्माण का ठेका प्राप्त किया था। शासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास परियोजना के लिए मैसर्स स्पर्श प्रतिष्ठान ठाणे को प्रकल्प सलाहकार नियुक्त किया गया था। आवास योजना के तहत 6 हजार 60 ईडब्ल्यूएस फ्लैट सहित 112 दुकान, रास्ता, कंपाउंड वॉल, गटर, भूमिगत ड्रेनेज, जलापूर्ति व्यवस्था, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, फायर फाइटिंग, लिफ्ट,कार पार्किंग इत्यादि का निर्माण ठेकेदार द्वारा 36 महीने की तय समय में किया जाना टेंडर की शर्तों में शामिल था। प्रधानमंत्री आवासीय प्रकल्प को महाराष्ट्र शासन, पर्यावरण विभाग और फायर सर्विस से मंजूरी भी मिल चुकी थी।

    ठेकेदार की मनमानी उजागर

    आश्चर्यजनक है कि महानगरपालिका प्रशासन ने शासन द्वारा तय समय काल में ही आवास परियोजना संबंधी तमाम प्रक्रिया पूर्ण किए जाने के बाद भी ठेकेदार ने कोरोना संक्रमण से मटेरियल के भाव में भारी वृद्धि का हवाला देते हुए महानगरपालिका प्रशासन से निर्माण ठेका की राशि में वृद्धि की मांग की।ठेकेदार की आवास लागत वृद्धि डिमांड पर मनपा प्रशासन ने प्रधानमंत्री आवास योजना में रेट वृद्धि की कोई गुंजाइश न होने का हवाला देते हुए इनकार कर दिया। आश्चर्यजनक है कि महानगरपालिका प्रशासन द्वारा आवासीय योजना लागत में वृद्धि किए जाने से इनकार करने पर परियोजना ठेकेदार ने निर्माण कार्य शुरू करने के पूर्व ही किनारा कस लिया है। ठेकेदार कंपनी पीएसपी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने भिवंडी महानगरपालिका पर नुकसान भरपाई सहित बैंक अमानती राशि 7 करोड़ 53 लाख रुपए की वापसी के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

    पावरलूम नगरी के लोगों के साथ अन्याय

    शहर के प्रबुद्ध नागरिकों का कहना है कि पावरलूम उद्योग नगरी में गरीब, मध्यम वर्ग के करीब 3 लाख से अधिक निचले तबके और मजदूर वर्ग के लोग रहते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत रियायती कीमत पर हजारों लोगों ने आशियाना मिलने का सपना देखा जो चकनाचूर हो गया है। शहरवासियों का कहना है कि केंद्रीय पंचायत राज राज्य मंत्री कपिल पाटील, बीजेपी विधायक महेश चौगुले और राज्य में बीजेपी की सत्ता होने के बावजूद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी आवास परियोजना बंद हो गई है जो चिंताजनक है।

    ठेकेदार की कार्यप्रणाली पर उठ रहे गंभीर सवाल

    प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ठेकेदार पीएसपी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा आवास योजना लागत में वृद्धि की डिमांड करना टेंडर शर्तों के खिलाफ है। टेंडर शर्तों के तहत आवास योजना पूर्ण करने की जिम्मेदारी ठेकेदार की है। महानगरपालिका परियोजना में निर्माण कार्य की कोई लागत वृद्धि नहीं दे सकती है। महानगरपालिका ने ठेकेदार की कार्यप्रणाली को लेकर हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया है। महानगरपालिका ने ठेकेदार कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की मांग की है।