Divyang is getting "Aadhaar" from Aadhaar

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    अंबरनाथ : कोरोना संकट (Corona Crisis) में क्षमता की कमी के बावजूद विशेष स्वास्थ्य व्यवस्था स्थापित करने वाली अंबरनाथ नगरपालिका (Ambernath Municipality) द्वारा स्थापित आधार पुनर्वास केंद्र (Aadhar Rehabilitation Center) में शहर के दिव्यांगों और विशेष बच्चों को विभिन्न उपचार उपलब्ध कराना शुरू कर दिया गया है। 

    नगरपालिका के रिकॉर्ड वाले विकलांग और विशेष व्यक्तियों को वाहन द्वारा पश्चिम में चिखलोली के केंद्र में ले जाया जाता है और उनका इलाज कर उन्हें घर वापस छोड़ दिया जाता है।  विशेषज्ञों की सलाह और उपचार से बहुतों को लाभ हो रहा है। अंबरनाथ नगरपालिका इस तरह की सुविधा प्रदान करने वाली राज्य की पहली नगरपालिका है।     

    स्थानीय स्वराज्य संस्था को शहर के विकलांगों, विशेष बच्चों और व्यक्तियों के पुनर्वास और उपचार के लिए कुछ प्रतिशत धनराशि आरक्षित करनी होती है। अक्सर नगरपालिका की ओर से वेतन भुगतान के अलावा कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नगरपालिका को ऐसे वर्गों की समस्याओं की जानकारी है।  लेकिन अंबरनाथ नगर पालिका में इस मामले में एक अपवाद साबित हुई है। नगर पालिका ने अप्रैल माह में अंबरनाथ नगर पालिका क्षेत्र में विकलांग और विशेष बच्चों के लिए आधार पुनर्वास केंद्र प्रारंभ किया है। शहर में वर्तमान में 800 विकलांग लोगों और विशेष बच्चों का रिकॉर्ड है।  इन सभी का इलाज चिखलोली के सर्वोदय नगर क्षेत्र स्थित विश्राम गृह के बेथेल हॉल में आधार पुनर्वास केंद्र से चल रहा है।

    60 वर्ष तक के लोग इलाज के लिए आते है

    पिछले छह महीनों में शहर में 70 विकलांग और विशेष व्यक्तियों ने इस सुविधा का लाभ उठाना शुरू कर दिया है।डॉ. सोनल सिंह केंद्र की समन्वयक है। फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. श्रुति चव्हाण, ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट डॉ.  दुष्यंत पडगांवकर, अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ.  मिशेल पारेख और डॉ. काजल सिंह आदि डॉक्टर केंद्र में सेवा देते है।  इसी तरह इस केंद्र में विशेष बच्चों के अभिभावकों की भी काउंसलिंग की जाती है।  केंद्र सोमवार से शनिवार सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है।  वर्तमान में यहां नौ माह से लेकर 60 वर्ष तक के लोग इलाज के लिए आते है।  अंबरनाथ नपा ऐसी सुविधा प्रदान करने वाली राज्य की पहली नगरपालिका बन गई है। 

    अपडेटेड सिस्टम भी उपलब्ध है

    विकलांग और विशेष बच्चों की निष्क्रिय मांसपेशियां को उत्तेजित करने के लिए यहां विभिन्न प्रकार के खेल, उपचार प्रणाली है। यहां आने वालों को दिन में तीन घंटे तरह-तरह के उपचार दिए जाते है, जांच कर बच्चों का इलाज किया जाता है, जिसके लिए यहां एक अपडेटेड सिस्टम भी उपलब्ध है।  यहां माता-पिता की काउंसलिंग भी की जाती है, इसके बाद बच्चों को नगर पालिका के वाहन से घर ले जाया जाता है।  रविवार को पश्चिमी नृत्य शैली ज़ुम्बा की कक्षाएं भी आयोजित की जाती है।  

    मई और अप्रैल महीने से इस केंद्र में इलाज के लिए आ रहीं हूं। सप्ताह में दो दिन यहां के फिजियोथेरेपी के डॉक्टर द्वारा कराई जाने वाली व्यायाम से मुझे काफी आराम मिल रहा है।

    - श्रुतिका पुजारी, अंबरनाथ