तहसीलदार के नोटिस के खिलाफ डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर राष्ट्रीय परिवर्तन पार्टी आक्रामक, जानें क्या है मामला

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    कल्याण : पिछले कई वर्षों से टिटवाला (Titwala) में रह रहे निवासियों (Residents) को तहसीलदार कार्यालय (Tehsildar Office) के माध्यम से नोटिस दिया जा रहा है और इस नोटिस के खिलाफ तहसीलदार डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर राष्ट्रीय परिवर्तन पार्टी (Dr. Babasaheb Ambedkar National Transformation Party) आक्रामक (Aggressive) हो गई है और इसी तरह अवैध पंजीकरण करने वाले आधिकारिक बिल्डरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और महापुरुषों का अपमान करने वाले चंद्रकांत पाटिल पर अत्याचार का मुकदमा दर्ज करने की मांग के लिए डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर राष्ट्रीय परिवर्तन पार्टी की ओर से तहसीलदार कार्यालय पर मार्च निकाला गया। 

    पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरसिंह गायसमुद्रे के नेतृत्व में महाराष्ट्र महिला अध्यक्ष संगीता वशिष्ठ के नेतृत्व में कल्याण की कृषि उपज मंडी समिति से मार्च निकाला गया और तहसीलदार के कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया गया। नरसिंह गायसमुद्रे सहित संगीता वशिष्ठ, महाराष्ट्र अध्यक्ष जयपाल कांबले, राष्ट्रीय संगठक प्रमुख नाना गायसमुद्रे, शांताराम भीमसेन, सैयद रेवदी, भूमिपुत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रकांत मोटे, मोहन कलां सहित अन्य पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। 

    टिटवाला के गणेशवाड़ी, इंदिरानगर आदि खंडों में कई वर्षों से चालीसियां ​​बनी हैं। यहां के रहवासी करीब 40 साल से रह रहे हैं। उस समय तहसीलदार कल्याण ने उक्त चालीसियों को अनाधिकृत घोषित नहीं किया था। वहां के निवासियों के पास महानगरपालिका की संपत्ति कर रसीद के साथ-साथ बिजली बिल भी है। जबकि यह मामला तहसीलदार ने हाल ही में वहां की चालियों की अवैधता को लेकर नोटिस जारी किया था फिर कैसे इन घरों को अनाधिकृत घोषित किया गया? पार्टी ने आरोप लगाया है कि इसके पीछे संबंधित अधिकारियों और बिल्डर की मिलीभगत है। संबंधित अधिकारियों और बिल्डरों के खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। 

    अधिकारियों और बिल्डरों पर मामला दर्ज किया जाना चाहिए

    कल्याण-डोंबिवली में रजिस्ट्री कार्यालय में अनाधिकृत निर्माण का पंजीयन अवैध हो रहा है। इस अवैध पंजीकरण के सबूत हैं और संबंधित अधिकारियों और बिल्डरों पर तुरंत मामला दर्ज किया जाना चाहिए और कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। इसी तरह शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने महात्मा जोतिबा फुले, कर्मवीर भाऊराव पाटिल, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर पर एक विवादास्पद बयान दिया कि स्कूल भीख माँग कर शुरू किए गए थे। इससे नागरिकों की भावनाएं आहत हुई हैं और इस अवसर पर आंदोलन कारियों द्वारा चंद्रकांत पाटिल पर तत्काल एट्रोसिटी एक्ट के तहत अविलंब मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई।