Bhiwandi Municipal Corporation

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    भिवंडी : भिवंडी महानगरपालिका (Bhiwandi Municipal Corporation) क्षेत्र अंतर्गत राज्य शासन की मंजूरी से शुरू हुई अंडरग्राउंड ड्रेनेज निर्माण योजना (Underground Drainage Construction Scheme) का कार्य अधर में लटक गया है। महानगरपालिका प्रशासन (Municipal Administration) द्वारा एसटीपी प्लांट,पंपिंग स्टेशन के लिए जगह और कई जगहों पर मार्ग विस्तारीकरण सहित अन्य जरूरी कार्य पूर्ण नहीं किए जाने से ड्रेनेज कंपनी ईगल इंफ्रासट्रक्चर बेहद कठिनाई झेल रही है। 2 वर्ष में पूर्ण होने वाली अंडरग्राउंड ड्रेनेज निर्माण 5 साल बीत जाने के उपरांत भी करीब 30% निर्माण कार्य अधर में लटकने से शहरवासियों में महानगरपालिका प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर भारी नाराजगी फैली है।

    गौरतलब हो कि भिवंडी शहर के सर्वांगीण विकास की खातिर राज्य सरकार द्वारा 428 करोड़ रुपए की अंडरग्राउंड ड्रेनेज निर्माण योजना को 2016 में मंजूरी दी गई थी। टेंडर की शर्तों में ड्रेनेज निर्माण का कार्य 2 वर्षों में पूर्ण किया जाना था। शहर में अलग-अलग क्षेत्रों में 5 जगहों पर एसटीपी प्लांट का निर्माण किया जाना था जिसमें अभी तक 2 बाकी है और एक पंपिंग स्टेशन भी नागांव में लटका पड़ा है। 159 किलोमीटर ड्रेनेज निर्माण प्रोजेक्ट में करीब 125 किलोमीटर का कार्य पूर्ण हुआ और शेष कार्य महानगरपालिका प्रशासन द्वारा मार्ग विस्तारीकरण और अन्य बाधाओं को दूर नहीं किए जाने से अधर में लटक गया है। सूत्रों की मानें तो कल्याण रोड, अंजुर फ़ाटा, प्रस्तावित रिंग रोड सहित डीपी रोड पर मार्किंग नहीं होने से ड्रेनेज कंपनी ड्रेनेज निर्माण किए जाने में बेबस है।

    महानगरपालिका की घोर लापरवाही उजागर

    428 करोड़ रुपये की अंडर ग्राउंड ड्रेनेज परियोजना के लिए राज्य शासन द्वारा 70% और महानगरपालिका द्वारा 30% की राशि मंजूर की गई है। भिवंडी महानगरपालिका  द्वारा 30% राशि ड्रेनेज ठेकेदार को अदा की जा चुकी है। करीब 30% कार्य ड्रेनेज निर्माण का बाकी है जो महानगरपालिका प्रशासन की लापरवाही के कारण अधर में लटका पड़ा है। जागरूक नागरिकों का कहना है कि अंडर ग्राउंड ड्रेनेज निर्माण योजना की समुचित देखभाल के लिए शासन द्वारा एमजीपी इंजीनियर की नियुक्ति किए जाने के बावजूद समुचित तरीके से देखभाल नहीं होने से निर्माण कार्य को लेकर भी कई बार प्रश्न चिन्ह और भृष्ट कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठते रहे हैं। मानसरोवर और भादवड़ में अभी तक महानगरपालिका प्रशासन एसटीपी प्लांट निर्माण के लिए जगह मुहैया कराने में असफल रहा है।

    ड्रेनेज निर्माण प्रोजेक्ट में जनप्रतिनिधियों ने भी लगाया अड़ंगा

    जागरूक नागरिकों के अनुसार 2016 से शुरू ड्रेनेज निर्माण परियोजना में कई जगहों पर महानगरपालिका जनप्रतिनिधियों ने भी अड़ंगा लगाया और अपनी हिस्सेदारी मिलने के बाद ही किनारा किया। भिवंडी में ड्रेनेज परियोजना जनप्रतिनिधियों की दुधारू गाय साबित हुई है। जनप्रतिनिधि मन मर्जी ठेकेदार को डरा धमका कर पैसे की उगाही करते हैं। जनप्रतिनिधि समेत अन्य छूटभैया नेता भी अपनी जेब भरने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। ड्रेनेज कंपनी ठेकेदार भी पैसों की डिमांड पूरी करते-करते थक चुका है।

    ड्रेनेज निर्माण का कार्य जल्द होगा पूर्ण

    उक्त संदर्भ में महानगरपालिका शहर अभियंता एलपी गायकवाड का कहना है कि करीब 2 वर्ष कोरोना संकटकाल होने की वजह से निर्माण कार्य में विलंब हुआ। ड्रेनेज निर्माण में आने वाली तमाम बाधाओं को मनपा प्रशासन दूर करने में जुटा है। एसटीपी प्लांट का काम शुरू है। महानगरपालिका प्रशासन की देख रेख में परियोजना का कार्य बेहतर तरीके से चल रहा है।