Bhiwandi Municipal Corporation

    Loading

    भिवंडी: महाराष्ट्र मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) कैबिनेट के फैसले के अनुसार, आगामी महानगरपालिका चुनाव 2017 में हुए चुनाव के अनुसार ही कराया जाएंगे। कैबिनेट की घोषणा के उपरांत भिवंडी महानगरपालिका (Bhiwandi Municipal Corporation) में नए बनने वाले 11 नगरसेवकों (Corporators) की उम्मीदों और सपनों पर पानी फिर गया है। आगामी महानगरपालिका चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे कई नगरसेवकों ने निर्णय को एकनाथ-फडणवीस सरकार की जनविरोधी नीति और मनमानी करार दिया है।

    गौरतलब है कि विगत महाविकास आघाड़ी सरकार द्वारा प्रदेश की तमाम महानगरपालिका का चुनाव 3 नगरसेवकों के पैनल द्वारा कराए जाने का आदेश सहित नगरसेवकों की संख्या में वृद्धि किए जाने का आदेश पारित किया था। महाविकास आघाडी सरकार के निर्देश के अनुसार, 90 नगरसेवक वाली भिवंडी महानगरपालिका में 111 नगरसेवक होने थे। भिवंडी महानगरपालिका क्षेत्र अंतर्गत नए निर्मित प्रभाग रचना के अनुसार चुनाव लड़ने के इच्छुक 11नए संभावित नगरसेवकों ने अपना कार्यालय खोलकर जनसंवाद और मतदाताओं से मिलना जुलना शुरू कर दिया था। कई वार्डों में तो इच्छुक नगरसेवक लाखों रुपया मतदाताओं के ऊपर खर्च भी कर चुके हैं। भिवंडी महानगरपालिका क्षेत्र अंतर्गत नए बनने वाले 11 नगरसेवकों में प्रमुखता अधिसंख्य बीजेपी और अन्य नगरसेवक मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में बढ़े थे।

    90 नगरसेवकों की ही रहेगी महानगरपालिका

    शिंदे सरकार की कैबिनेट की घोषणा के उपरांत भिवंडी महानगरपालिका चुनाव 3 सदस्यीय पैनल द्वारा होगा जिससे महानगरपालिका नगरसेवकों की संख्या भी पूर्ववत 90 ही रहेगी। शिंदे सरकार कैबिनेट की निर्णय के बाद भिवंडी महानगरपालिका में नए बनने वाले 11नगरसेवकों के चेहरे उतर गए हैं।

    बीजेपी का हुआ नुकसान

    शहर के राजनीतिक समीकरण को मानें तो शिंदे सरकार के फैसले से सर्वाधिक नुकसान बीजेपी का हो गया है। शहर के लोगों का कहना है कि महाविकास आघाड़ी सरकार का फैसला अगर लागू होता तो भिवंडी महानगरपालिका में बढ़ने वाले 11 नगरसेवकों में से करीब 8 नगरसेवक बीजेपी के बढ़ सकते थे। भिवंडी महानगरपालिका में बीजेपी नगरसेवकों की संख्या बढ़ने से महानगरपालिका की सत्ता हथियाने में आसानी हो सकती थी। शिंदे सरकार के निर्णय से कई बीजेपी के नेताओं ने नाराजगी व्यक्त की है। शहरवासियों ने शिंदे सरकार के फैसले को बेहतर करार देते हुए महानगरपालिका पर अनावश्यक बढ़ने वाले बोझ में बढ़ोतरी नहीं होने से संतोष व्यक्त किया है।