Due to lack of charging stations, 130 electric buses are eating dust
File Photo

    Loading

    – रजित यादव

    नवी मुंबई : पर्यावरण के संतुलन (Environmental Balance) को बनाए रखने के लिए नवी मुंबई महानगरपालिका के परिवहन उपक्रम एनएमएमटी के बेड़े में 180 इलेक्ट्रिक बसें मौजूद हैं, लेकिन इनकी चार्जिंग के लिए पर्याप्त चार्जिंग स्टेशन नहीं बनाए गए हैं। जिसके चलते सिर्फ मौजूदा समय में सिर्फ 50 इलेक्ट्रिक बसें ही एनएमएमटी चला रही है, शेष 130 इलेक्ट्रिक बस एनएमएमटी के करावे और सारसोले बस डिपो में धूल खा रही हैं।

    गौरतलब है कि नवी मुंबई महानगरपालिका के तहत ठाणे-बेलापुर एमआईडीसी आती है, जहां की कंपनियों से धुआं और  गैस छोड़ने का काम जारी है, इसके चलते नवी मुंबई महानगरपालिका के क्षेत्र में वायु प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। ग्लोबल वार्मिंग के चलते वातावरण दूषित हो रहा है, वायुमंडल में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए नवी मुंबई महानगरपालिका के परिवहन उपक्रम एनएमएमटी ने डीजल और सीएनजी से चलने वाली अपनी बसों के स्थान पर पर्यावरणपूरक इलेक्ट्रिक बसों को चलाने पर जोर दिया है, लेकिन इन बसों के लिए पर्याप्त चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण कराए बगैर ही इलेक्ट्रिक बसों को खरीदना शुरू कर दिया था, चार्जिंग स्टेशन के अभाव के चलते 130 बसें अब भी सड़कों पर दौड़ने से वंचित हैं।

    घाटे में लगातार वृद्धि हो रही है

    ईंधन में वृद्धि से बढ़ रहा घाटावहीं मौजूदा समय में नवी मुंबई महानगरपालिका के परिवहन उपक्रम एनएमएमटी द्वारा डीजल और सीएनजी पर चलने वाली 300 से अधिक बसें विभिन्न मार्गों पर चलाई जा रही हैं, पिछले कुछ साल से डीजल और सीएनजी की कीमतों में वृद्धि होने का सिलसिला अब भी जारी है, इसके चलते इनसे चलने वाली बसों का खर्च लगातार बढ़ रहा है, जिसकी भरपाई यात्रियों से वसूले जाने वाले किराए से नहीं हो रही है, इसके चलते एनएमएमटी को हो रहे घाटे में लगातार वृद्धि हो रही है। जिससे उबरने के लिए उसे महानगरपालिका प्रशासन के पास से आर्थिक सहायता लेनी पड़ रही है।

    रखरखाव काफी कम खर्च होता है

    इलेक्ट्रिक बसों से बढ़ेगी आयडीजल और सीएनजी से चलने वाली बसों के ईंधन और रखरखाव पर खर्च ज्यादा होता है, जबकि इलेक्ट्रिक (बैटरी) से चलने वाली बसों के ईंधन और रखरखाव काफी कम खर्च होता है। डीजल और सीएनजी से चलने वाली बस के लिए जहां प्रति कि.मी. 30 से 40 रुपए खर्च करना पड़ता है, वहीं इलेक्ट्रिक से चलने वाली बस के लिए प्रति कि.मी. 16 से 20 रुपए तक का खर्च करना पड़ता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि इलेक्ट्रिक से चलने वाली सभी बसों को चलाकर एनएमएमटी जहां पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने का काम कर सकती है, वहीं डीजल और सीएनजी से चलने वाली बसों पर हो रहे खर्च को बंद करके अपनी आय को बढ़ाने का काम कर सकती है।

    मौजूदा समय में नवी मुंबई महानगरपालिका के परिवहन उपक्रम के बेड़े में उपलब्ध इलेक्ट्रिक बसों की तुलना में बड़े पैमाने पर चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध नहीं हैं, इलेक्ट्रिक बसों की चार्जिंग के लिए स्टेशनों का निर्माण युद्धस्तर कराया जा रहा है, एनएमएमटी के तुर्भे और घनसोली बस डिपो में जल्द ही चार्जिंग स्टेशन शुरू किया जाएगा, जिसके बाद सभी इलेक्ट्रिक बसों को चलाने का काम करने का निश्चय किया गया है।

    - योगेश कुडुस्कर, व्यवस्थापक, नवी मुंबई महानगरपालिका परिवहन उपक्रम