अंबरनाथ : भाजपा युवा मोर्चा (BJP Yuva Morcha) ने राज्य की मौजूदा सत्तारूढ़ महाविकास आघाडी (Maha Vikas Aghadi) सरकार द्वारा शीतकालीन अधिवेशन (Winter Session) में विश्वविद्यालय कायदा सुधार विधेयक (University Law Reform Bill) को मंजूरी देने के लिए किए गए बदलाव के विषय को गंभीर, छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाला और इस विधेयक को काला विधेयक बताते हुए कहा कि नए नियमों से विश्वविद्यालय की स्वायत्त समाप्त हो जाएगी।
उक्त मुद्दे पर भाजपा प्रदेश युवा मोर्चा के विधार्थी विभाग संपर्क प्रमुख विनय वर्मा ने स्थानीय पत्रकारों से बातचीत करते हुए उक्त बात कही। उन्होंने आगे कहा की इस नए विधेयक के कारण अब यूनिवर्सिटी में भी राजनितिक हस्तक्षेप होगा जो इससे पहले नहीं हुआ करता था। नए विधेयक के संदर्भ में उन्होंने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि योग्यता के आधार पर कुलपतियों की नियुक्ति की जाती थी पर अब राज्य सरकार कुलगुरु की नियुक्तियां करेगी इससे अब राजनीतिक दलों से संबंधित व्यक्ति कुलगुरु हुआ करेंगे।
वहीं अब तक कुलपति विश्वविद्यालय के सभी महत्वपूर्ण शैक्षणिक और प्रशासनिक निर्णय लेते थे लेकिन नए विधेयक के चलते यह अधिकार राज्य के उच्च और तंत्र शिक्षा मंत्री के अधीन होंगे जिससे वर्मा का आरोप है कि इससे ‘वसूली’ बढ़ जाएगी। युवा मोर्चा की प्रदेश कार्यकरिणी के सदस्य विनय वर्मा का कहना है कि नए विधेयक में विश्वविद्यालय से संबंधित कोई भी कार्य करने का अधिकार यूनिवर्सिटी प्रशासन को होता था अब इसमें भी बदलाव आ जाएगा। भविष्य में अयोग्य कंपनियों को ठेका प्राप्त करने और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को सभी अनुबंध देने से शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। युवा मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी विनय वर्मा ने कहा कि महाराष्ट्र में शिक्षा के क्षेत्र में इस काले बिल की हम निंदा करते है और युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत पाटिल के मार्गदर्शन में इसका राज्य स्तर पर विरोध कर रहे है।