वालधुनी नदी का भी प्रदूषण मुक्त करने का प्रयास होगा: जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर

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    उल्हासनगर: उल्हास नदी (Ulhas River) के पानी में बड़े पैमाने पर जलकुंभी की बेल बढ़ रही थी, पर विगत वर्ष से पानी से जलकुंभी  (Jalkumbhi) को हटाने का अभियान जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में शुरू किया गया है। जानकारों का कहना है कि इससे पानी प्रदूषित (Polluted) होता है। जलकुंभी की वर्तमान स्थिति को प्रत्यक्ष तौर पर देखने और उल्हास नदी के संवर्धन के लक्ष्य के लिए ठाणे के जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर (Rajesh Narvekar) ने उल्हास नदी का दौरा किया। 

    सह्याद्री पर्वत श्रृंखला से उगम होकर कर्जत, बदलापुर, अंबरनाथ, कल्याण से बहने वाली उल्हास नदी में पिछले कई सालों से प्रदूषण के कारण जलकुंभीउगने का प्रमाण बढ़ गया था। पिछले साल से उल्हास नदी के संवर्धन की कोशिशें शुरू है साथ ही नदी के पानी को जलकुंभीसे मुक्त बनाने का अभियान भी जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर के मार्गदर्शन में चलाया जा रहा है। 

    जल्द ही उल्हास नदी को नालों से मुक्त कर देंगे

     जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर ने दौरे के बाद आश्वासन दिया कि वह जल्द ही सभी की मदद से उल्हास नदी को नालों से मुक्त कर देंगे। पिछले साल उल्हास नदी में बड़े पैमाने पर जलकुंभीके कारण पानी में प्रदूषण हुआ था। ‘मी कल्याणकर’ सामाजिक संस्था द्वारा नदी पात्र में ही बड़े पैमाने पर आंदोलन का आयोजन किया था। उक्त अवसर पर पिछले साल ठाणे जिला कलेक्टर और पालकमंत्री  एकनाथ शिंदे ने नदी को प्रदूषण और जलकुंभीमुक्त बनाने का वादा किया था। उल्हास नदी को जलकुंभीमुक्त देखकर उन्होंने समाधान व्यक्त किया। 

    नदी को प्रदूषण मुक्त करने का हो रहा प्रयास

    उल्हास नदी बचाओ कृति समिति के कार्यकर्ता, मी कल्याणकर सामाजिक संगठन के पदाधिकारी और म्हरल वरप कांबा के सरपंच, सदस्य और स्थानीय नागरिक मौजूद थे। जो उल्हास नदी के प्रदूषण पर लगातार काम कर रहे हैं। उल्हास नदी पिछले वर्ष की तुलना में जलकुंभीमुक्त होकर खूबसूरती से बहती हुई दिखती है उसका सबसे बड़ा श्रेय सगुणा रूरल फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं को जाता है, उन्हें समर्पित एक वृत्तचित्र के माध्यम से जलकुंभीमुक्त अभियान प्रदर्शित किया गया था। ठाणे के जिलाधिकारी और शेखर भडसावले ने पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। उपस्थित लोगों ने अपने विचार व्यक्त किया, बैठक का संचालन अनिल निवलकर ने किया तथा आभार अनुराधा भडसावले ने व्यक्त किया।