eknath shinde
File Photo

    Loading

    ठाणे : पुलिस (Police) ने प्रारंभिक जांच (Preliminary Investigation) में पाया है कि किसी ने ठाणे (Thane) और गढ़चिरौली (Gadchiroli) के पालकमंत्री और शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को भामरागढ़ एरिया कमेटी के नाम से धमकी भरा पत्र भेजा था। वह फर्जी था। ठाणे पुलिस की एक टीम मामले की जांच के लिए गढ़चिरौली गई थी। जहां एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी। 

    पालकमंत्री शिंदे को तीन सप्ताह पहले भामरागढ़ क्षेत्र समिति के नाम एक पत्र मिला है। इसमें ‘आप गढ़चिरौली का खूब विकास कर रहे हैं। लेकिन आप हमारे लिए एक बड़ी समस्या खड़ी कर रहे हैं। पुलिस की कार्रवाई में कई नक्सली मारे गए हैं। हम निश्चित रूप से बदला लेंगे’, उन्होंने चेतावनी दी। ठाणे और गढ़चिरौली पुलिस ने पत्र को गंभीरता से लिया। मामले की जांच ठाणे आपराधिक जांच विभाग के फिरौती रोधी दस्ते द्वारा की जा रही है।

    पालकमंत्री शिंदे को सिर्फ परेशान करने की कोशिश

    पत्र पर दक्षिण मुंबई डाकघर की मुहर है। हालांकि पोस्ट ऑफिस की सील कहां से भेजी गई है, यह स्पष्ट नहीं है। पत्र का पाठ मुंबई, ठाणे की भाषा के समान है। इसमें नक्सली भाषा का भी जिक्र नहीं है। इतना ही नहीं, नक्सलियों की धमकी देने वाली भाषा और चिट्ठी की भाषा में बड़ा अंतर है। इसलिए, प्रारंभिक जांच में, पुलिस ने निष्कर्ष निकाला है कि किसी ने दुर्व्यवहार किया होगा, या मुंबई, ठाणे के किसी व्यक्ति न पालकमंत्री शिंदे को सिर्फ परेशान करने की कोशिश की होगी। 

    गढ़चिरौली और उसके आसपास के नक्सली परेशान 

    ठाणे पुलिस आयुक्तालय के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में पालकमंत्री ने गढ़चिरौली में विकास कार्य कराए हैं। इसी तरह कई नक्सलियों को मुख्यधारा में वापस लाया गया। इसलिए गढ़चिरौली और उसके आसपास के नक्सली परेशान थे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस बात की जांच की जा रही है कि धमकी किसने और क्यों दी? मामले की अभी जांच चल रही है। अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।  जांच अभी किसी अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है।