कल्याण. कोरोना काल (Corona Period) में अपनी जान पर खेलकर काम करने वाले केडीएमसी (KDMC) के मृतक कर्मचारियों (Deceased Employees) के आश्रितों को अभी तक पेंशन और प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) तक नहीं मिला है और मृतक कर्मचारियों के वारिसों का अनुकंपा नियुक्ति में भी विलंब किया जा रहा है। जिससे मृतकों के परिजन निराशाजनक परिस्थिति का सामना कर रहे हैं,‘कल्याण-डोंबिवली कर्मचारी पतसंस्था’ की ओर से 2 लाख रुपए का धनादेश महापालिका के लेखाधिकारी बागुल एवं केडीएमसी के पूर्व महापौर रमेश जाधव के हाथों वितरित किया गया।
मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को धनादेश वितरण के दौरान कल्याण के पूर्व महापौर रमेश जाधव ने कहा कि कोरोना से प्रवावित कर्मचारियों की जान बचाने के लिए उन्हें निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। प्रभावितों में कई कर्मचारी इलाज से ठीक भी हुए और कई कर्मचारियों की मौत हो गई। सरकार और केडीएमसी प्रशासन ने उनके खर्चों की जिम्मेदारी ली, लेकिन उन्हें खर्च नहीं मिला। जब उनके बिल भेजे गए तो स्वास्थ्य विभाग बिल में कमियां बता रहा है। पूर्व महापौर रमेश जाधव ने महानगरपालिका
प्रशासन की पोल खोलते हुए कहा कि कोरोना काल में मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को अभी तक पेंशन और प्रोविडेंट फंड तक नहीं मिला है, और न ही उनके आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति के आधार पर बहाल किया गया है, गौरतलब है कि राज्य सरकार ने कोरोना मृतकों के लिए 50 लाख रुपए देने की घोषणा की थी। लेकिन केडीएमसी प्रशासन द्वारा कागजी पूर्तता नहीं किए जाने के कारण मामला अधर में लटका हुआ है। चेक वितरण के समय कर्मचारी पतसंस्था के अध्यक्ष पोल सहित तमाम पदाधिकारी,सदस्य उपस्थित थे।