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    ठाणे : सिक्किम (Sikkim) में गर्मी की छुट्टी मनाने गए एक परिवार सहित कुल पांच लोगों की मौत (Death) हो गई। इस सड़क हादसे (Road Accident) में एक ही परिवार के चार लोगों का समावेश है। जिससे उनके परिजनों (Family) पर दुःख का पहाड़ टूट पड़ा है। 

    मिली जानकारी के अनुसार 26 मई को ठाणे से पांच कपल अपने परिवार के साथ गर्मी की छुट्टियां मनाने के लिए सिक्किम के लिए उड़ान भरी थी। वहां सभी लोग एक होटल में ठहरे थे और वहां से तीन कार किराए पर ली। तीनों कार में सभी बैठकर एक साथ 28 मई को घूमने के लिए निकले थे। शनिवार को घूमने फिरने के बाद सभी होटल जाने के लिए निकले थे। 2 ग्रुप होटल पहुंच गया। सुरेश का ग्रुप जिस वाहन में सवार था, जब वह जब होटल नही पहुंचा तो खोज बीन शुरू हुई और स्थानीय लाचुंग पुलिस स्टेशन से संपर्क किया गया। देर रात तक पुलिस ने खोज बीन की पर उस वाहन का पता नही चल पाया। सुबह पुलिस ने खोज बीन शुरू की तो उक्त वाहन लाचुंग- चुंगथांग हाइवे स्थित खेदुम की 500 से 600 फुट गहरी खाई में दिखाई दिया। स्थानीय पुलिस ने सेना की मदद से बचाव अभियान चलाया। 

    परिवार पिछले 15 साल से ठाणे में रह रहा था

    इस दुर्घटना में सुरेश उनकी पत्नी, दोनो बेटियों, मित्र परमार और वाहन चालक की मौत हो गई है। यह दुर्घटना शनिवार की रात के 8 बजे से साढ़े 8 बजे के बीच हुई थी। प्रवास की कार खड्ड से टकरा गई और एक भयानक दुर्घटना का कारण बनी। हादसा इतना भीषण था, कि कार सवार पांचों लोगों की मौत हो गई। साथ में ड्रायवर ने भी मौके पर ही दम तोड़ दिया। परिवार पिछले 15 साल से ठाणे में रह रहा था। मृतकों की पहचान सुरेश पन्नालाल जी पुनमिया, तोरल सुरेश पुनमिया, हीरल सुरेश पुनमिया, देवांश सुरेश पुनमिया और जयन अमित परमार के रूप में हुई है। इसमें से पुनामिया परिवार के चार सदस्य शामिल है।  जिसमें सुरश पुनमिया सोने का होलसेल व्यापारी थे और वे अपने परिवार के साथ ठाणे  जबकि जयन अमित परमार पांच कपल में से एक के परिवार का सदस्य था और उसकी उम्र 14 वर्ष थी। परिवार एक जिनकी सिक्किम में सड़क हादसे में मौत हो गई। हादसे में मारे गए सभी लोगों के शव (30 मई) को हेलीकॉप्टर द्वारा ठाणे लाए जाएंगे। जबकि पुनमिया परिवार के साथ घूमने के लिए अन्य सदस्य भी 30 तारीख को हवाई जहाज से वापस ठाणे आने वाले है।  ठाणे ज्वेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलेश श्रीमाल ने इसे जैन समाज के लिए अपूरणीय क्षति करार दिया है और कहा कि इस घटना से जैन समाज में मातम छा गया है।