भिवंडी के आएंगे ‘अच्छे दिन’, मानवाधिकार आयोग ने अखबारों की खबरों पर लिया संज्ञान

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    भिवंडी : अंततः भिवंडी (Bhiwandi City) शहर के अच्छे दिन आने के आसार हो गए है। शहर की बदहाली को लेकर प्रमुख अखबारों (Newspapers) में छपी खबर (News) को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग (Maharashtra State Human Rights Commission) ने ठाणे जिला अधिकारी (Thane District Magistrate) और भिवंडी महानगरपालिका कमिश्नर (Bhiwandi Municipal Commissioner) को नोटिस जारी कर 30 नवंबर को कोर्ट में जवाब दाखिल किए जाने का निर्देश दिया है। राज्य मानवाधिकार आयोग के कड़क निर्देश से महानगरपालिका प्रशासन में हड़कंप और शहर के नागरिकों में भारी खुशी व्याप्त है। 

    गौरतलब हो कि भिवंडी शहर के नागरिक महानगरपालिका टैक्स अदायगी के बावजूद महानगरपालिका प्रशासन की लापरवाही की वजह से मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं। महानगरपालिका क्षेत्र अंतर्गत सभी मार्ग पर गड्ढे ही गड्ढे भरे पड़े हैं। गड्ढों में गिरकर जानलेवा हादसे हो रहे हैं। करोड़ों रुपए प्रतिमाह खर्च के बावजूद शहर स्वच्छता से कोसों दूर है। शहर में चारों ओर कचरे का अंबार दिखाई पड़ता है। गड्ढा युक्त मार्ग की वजह से वाहन हिचकोले खाते हुए चलते दिखाई पड़ते हैं। शहर के तमाम मार्ग पर भारी-भरकम गड्ढों की वजह से लोगों को कमर दर्द, घुटने का दर्द जैसी घातक बीमारी से जूझना पड़ रहा है। कपड़ा नगरी भिवंडी शहर में बाहर से व्यवसाय के लिए आने वाले तमाम व्यापारी मार्ग पर हुए गड्ढे और शहर में फैली भयंकर गंदगी से उठने वाली बदबू के कारण शहर में आना ही नहीं चाहते हैं। मुंबई, सूरत, अहमदाबाद आदि दूरदराज से आने वाले कपड़ा व्यापारियों का ग्रुप शहर बदहाली की वजह से भिवंडी में नहीं आने से कपड़ा व्यापारियों का व्यापार थम सा गया है। 

    शहर दुर्दशा पर अखबार मुखर

    शहर की दुर्दशा को लेकर आए दिन सभी अखबारों मे जनहित समस्या की खबरें प्रमुखता से छापी जाती है। अखबारों की खबरों से भी महनगरपालिका प्रशासन कभी कभार कोई ध्यान नहीं देता है। शहर के तमाम जागरूक नागरिक, कपड़ा व्यापारी मूलभूत सुविधाओं के लिए महनगरपालिका प्रशासन, जिला अधिकारी से लिखित शिकायत करते रहते हैं। हैरतअंगेज है कि महानगरपालिका टैक्स चुकाने के बाद भी महानगरपालिका प्रशासन मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराता जिससे लोगों में हमेशा महानगरपालिका प्रशासन के खिलाफ नाराजगी फैली रहती है। मंडई स्थित शहर का एकमात्र स्वर्गीय मीनाताई ठाकरे रंगायतन भी करीब 5 वर्षों से मरम्मत की आस जोह रहा है। रंगायतन की मरम्मत न होने से करीब 5 वर्षों से बंद करोड़ों की इमारत खंडहर में तब्दील हो रही है जो महानगरपालिका प्रशासन की लापरवाही दर्शाता है। 

    मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान 

    शहर की मूलभूत सुविधाओं सड़क, पानी, स्वच्छता, रंगायतन मरम्मत, ड्रेनेज परियोजना निर्माण जैसी जनहित मुद्दों के समाधान को लेकर हिंदी, मराठी, अंग्रेजी अखबारों द्वारा प्रतिदिन नागरिकों की तकलीफ पर शासन, प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया जाता है। अखबारों में छपी खबरों को पढ़कर शहर की दुर्दशा पर बेहद गंभीरता से ध्यान देते हुए महाराष्ट्र प्रदेश मानवाधिकार आयोग चेयरमैन जस्टिस केके तातेड ने ठाणे जिला अधिकारी और महानगरपालिका कमिश्नर को नोटिस देकर 30 नवंबर को निम्न मुद्दों पर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। 

    • भिवंडी शहर स्थित तमाम मार्ग को दुरुस्ती का जिम्मेदार कौन है? 
    • शहर में कितने रोड ठीक नहीं है? 
    • खराब मार्गों को कितने समय में दुरुस्त किया जाएगा ? 
    • उक्त संदर्भ में महानगरपालिका कमिश्नर विजय कुमार म्हसाल का कहना है कि राज्य मानवाधिकार आयोग चेयरमैन की नोटिस मिली है। कोर्ट द्वारा पूंछे गए मुद्दों पर तय समय में जवाब दाखिल किया जाएगा।