वजन काटा शुल्क में भारी वृद्धि, 25 रुपये से बढ़ाकर किए 100 रुपये

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    नवी मुंबई :  वाशी (Vashi) में स्थित कृषि उपज मंडी समिति (Agricultural Produce Market Committee) की आलू-प्याज मंडी (Potato-Onion Market) में आने वाली खाली और आलू, प्याज और लहसुन से भरी वाहनों (Loaded Vehicles) का वजन (Weight) करने वाले काटा की दरों में भारी वृद्धि की गई है। मंडी में माल से भरी ट्रक का वजन करने के लिए पहले 25 रुपये लगता था, जिसे अब बढ़ाकर 100 रुपये कर दिया गया है। वहीं खाली ट्रक का वजन करने के लिए पहले 100 रुपये लगता था, जिसे अब बढ़ाकर 150 रुपये कर दिया गया है। वजन काटा की दर में भारी वृद्धि से वाहन मालिकों और व्यापारियों में कृषि उपज मंडी समिति प्रशासन के प्रति नाराजगी पैदा हो रही है।

    कृषि उपज मंडी समिति के आलू-प्याज की मंडी में कारोबार कर रहे व्यापारियों के अनुसार मंडी में 3 वजन काटा लगाए गए थे। जिसमें से 2 वजन काटा विगत 20 सालों से बंद पड़ा है।  सिर्फ 1 वजन काटा पर माल से भरी ट्रेलर, ट्रक, टेम्पों और अन्य वाहनों का वजन किया जाता है। जिसके वजह से बड़ी परेशानियां होती है। इस संबंध में कृषि उपज मंडी समिति प्रशासन को कई बार अवगत कराया गया है, लेकिन अब तक बंद पड़े 2 वजन काटों की मरम्मत नहीं हुई है। यह सुविधा उपलब्ध कराए बगैर ही कृषि उपज मंडी समिति प्रशासन ने वजन काटा शुल्क में भारी वृद्धि किया है।

    व्यापारियों द्वारा आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है

    गौरतलब है, कि कृषि उपज मंडी समिति की आलू-प्याज की मंडी के मुख्य प्रवेश द्वार पर 2 वजन काटा लगाए गए थे। जिसमें से एक वजन काटा विगत कई वर्षों से बंद पड़ा है। कोरोना काल में कृषि उपज मंडी समिति प्रशासन ने अपनी बुद्धिमानी का परिचय देते हुए बंद पड़े वजन काटा को सैनिटाइजर केंद्र बना दिया है। जहां मंडी में आने वाले वाहनों पर सैनिटाइजर का छिड़काव किया जाता है। बंद पड़े वजन काटा को शुरू कराने के बजाय उसपर सैनिटाइजर केंद्र बनाए जाने पर व्यापारियों द्वारा आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है।

    हेराफेरी होने की प्रबल संभावना नजर आ रही है

    आलू-प्याज की मंडी में वजन काटा के शुल्क में वृद्धि करने से पहले कृषि उपज मंडी समिति प्रशासन द्वारा इसकी रसीद के बारे में सही तरह से नियोजन नहीं किया गया है। व्यापारियों का कहना है कि पुरानी रसीद पर ही नई दर का रबर स्टैंप लगाकर शुल्क की वसूली की जा रही है। इस तरह की पुरानी रसीद के इस्तेमाल से इस काम में लाखों रुपए की हेराफेरी होने की प्रबल संभावना नजर आ रही है।

    आलू-प्याज की मंडी के प्रवेश द्वार के पास 2 और निकासी द्वार के पास 1 वजन काटा है। प्रवेश और निकासी द्वार के 1-1 काटा विगत कई साल से बंद है। वजन काटा की मरम्मत किस वजह से नहीं कराई गई, इसके बारे में संबंधित विभाग से जानकारी ली जाएगी। पुरानी रसीद पर नई दर की मुहर लगाई गई है।

    - विट्ठल राठोड, उपसचिव, आलू-प्याज मंडी वाशी