शिव मंदिर के पास निर्माणाधीन मुस्लिम कब्रिस्तान को लेकर, सैकड़ों हिंदू उतरे सड़क पर

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    उल्हासनगर : उल्हासनगर महानगरपालिका (Ulhasnagar Municipal Corporation) ने  कैम्प क्रमांक 5 स्थित कैलास कॉलोनी चौक के पास मुस्लिम कब्रिस्तान (Muslim Cemetery) के लिए भूखंड मुहैया कराया है। प्रस्तावित कब्रिस्तान के कंपाउंड का काम हाल ही में शुरू किया था, ऊक्त स्थल के पास ही प्राचीन शिव मंदिर (Shiv Mandir) है, इसलिए हिंदुत्ववादी संगठनों (Hindutva Organizations) ने प्रस्तावित कब्रिस्तान का विरोध शुरू किया है। कब्रिस्तान की जगह बदलने की मांग को लेकर महानगरपालिका मुख्यालय (Municipal Corporation Headquarters) पर विशाल मोर्चा निकाला गया जिसमें हजारों लोग शामिल हुए और कब्रिस्तान का विरोध दर्शाया। 

    उल्हासनगर कैंप 5 में कैलास कॉलोनी में परिवहन डिपो के लिए इस्तेमाल की गई जगह को कब्रिस्तान के लिए उपलब्ध कराया गया है, इस क्षेत्र में प्राचीन शिव मंदिर, गणेश विसर्जन घाट, ऐतिहासिक वालधुनी और हिंदू त्यौहार मनाए जाते है, इसलिए हिंदुत्ववादी संगठनों ने स्टैंड लिया था कि प्राचीन शिव मंदिर के इलाके में कोई कब्रिस्तान नहीं होना चाहिए। इस लिहाज से बालासाहेब की शिवसेना सहित पुराना अंबरनाथ गांव, गायकवाड पाड़ा, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल आक्रामक हो गए है। 

    ठेकेदार को लिखित में काम बंद करने की सूचना दी गई थी 

    इस मसले का हल निकालने के लिए महानगरपालिका कमिश्नर अजीज शेख, पुलिस उपायुक्त सुधाकर पाठारे, उपायुक्त अशोक नाइकवाडे, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रंजीत डेरे ने उल्हासनगर महानगरपालिका मुख्यालय में हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई थी, लेकिन उन्होंने आने से मना कर दिया। बैठक में अंबरनाथ गांव के परशुराम पाटिल, सुरेश गायकवाड, रमेश भोईर, राजेश फक्के आदि ग्रामीण ही उपस्थित हुए थे। इस बैठक में निर्माण विभाग के माध्यम से ठेकेदार को कैलास कॉलोनी स्थित श्मशान घाट की सुरक्षा दीवार का निर्माण कार्य स्थगित करने का आदेश दिया गया है। साथ ही कमिश्नर अजीज शेख के स्तर से ठेकेदार को लिखित रूप में कार्य बंद करने की सूचना दी गई थी और महानगरपालिका कि ओर से उपस्थित प्रतिनिधिमंडल को लिखित पत्र दिया गया था कि निर्माण पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है। 

    लिखित आश्वासन देने के बाद प्रतिनिधिमंडल को मनाया गया

    निर्माण कार्य रोकने संबंधी आदेश देने के बाद भी मोर्चा निकाला गया, मोर्चे की शुरुआत शिव मंदिर में अभिषेक और आरती से की गई, पहले गांधी रोड स्थित तहसील कार्यालय में तहसीलदार को पत्र दिया गया। उसके बाद मार्च उल्हासनगर महानगरपालिका तक आया और कमिश्नर से दो घंटे तक चर्चा के बाद भी प्रतिनिधिमंडल संतुष्ट नहीं हुआ और अंत में लिखित आश्वासन देने के बाद प्रतिनिधिमंडल को मनाया गया। अयोध्या के जगतगुरु परमहंस आचार्य महाराज, कोकनरत्न विश्वनाथ महाराज वारिंगे, परशुराम पाटिल, प्रधान पाटिल, निशांत पाटिल, महेश गायकवाड, नीलेश बोबडे, रवि पाटिल, बजरंग दल प्रचार प्रमुख पराग तेली, गोरक्ष प्रमुख जयदास म्हात्रे, जिला सुरक्षा प्रमुख राजेश गायकर सहित कई गणमान्य लोग इस मोर्चे में शामिल हुए थे।