वालधुनी नदी पात्र में हो रहे अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई

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    उल्हासनगर : उल्हासनगर कैम्प 3 से बहने वाली वालधुनी नदी (Waldhuni River) के किनारे और नदी के पात्र में बड़े पैमाने पर पेड़ों (Trees) की कटाई हुई है और पेड़ों (River) को जलाए जाने की घटना भी सामने आती रही है। इसी प्रकार नदी के पात्र के समीप बड़े पैमाने पर हुए तथा अभी भी हो रहे अवैध निर्माण (Illegal Construction) के काम को लेकर नदी को स्वच्छ बनाने की कानूनी लड़ाई लड़ रही वनशक्ति एनजीओ (Vanshakti NGO) ने अदालत में यह मामला ले जाने का निर्णय लिया है।

    50 से अधिक पेड़ काटे गए

    वालधुनी नदी प्रदूषण मामला सर्वोच्च न्यायालय में चल रहा है उक्त संस्था के प्रकल्प अधिकारी स्टैलिन दयानंद और उनकी टीम ने बुधवार को वालधुनी नदी का दौरा किया उसके बाद उन्होंने ऊक्त जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उक्त तट पर 3 जगहों पर हो रही अवैध गतिविधियों को सर्वोच्च न्यायालय के संज्ञान में लाया जाएगा। स्थानीय पत्रकारों से बातचीत करते हुए स्टैलिन दयानंद ने कहा कि उल्हासनगर कैम्प 3, उल्हासनगर रेलवे स्टेशन रोड, सहदेव कम्पाउंड के अंदर ही वालधुनी नदी के किनारे 2 जगहों पर बड़े पैमाने पर करीबन 50 से अधिक पेड़ों की कटाई हुयी है, पेड़ों को जलाया गया है साथ ही वहां नदी के अंदर 20 फिट जाकर नदी पात्र में ही निर्माण हो रहा है। 

    गौरतलब है कि वनशक्ति नामक संस्था स्थानीय वालधुनी नदी को स्वच्छ बनाने के लिए प्रयासरत है और इस नदी को दूषित करने वाले सेंकडों जींस वॉश के कारखाने बंद हो चुके है और दर्जनों केमिकल कंपनियों पर दंडात्मक कार्रवाई हो चुकी है। बरसात के दौरान यहां बाढ़ के कारण काफी गरीब और झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोग आहत होते है, यहां जो निर्माण हो रहा है वो अवैध है या वैध है, यह जानकारी भी ली जा रही और वहां कम से कम 40 से 50 पेड़ों की कटाई हुयी है, पेड़ जलाए गए है। महानगरपालिका प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की जानकारी में हुआ है या नहीं। इसकी जानकारी भी वनशक्ति संस्था द्वारा महानगरपालिका प्रशासन ली जाएगी साथ ही 20 सेक्शन खेती एरिया में तीसरी जगह वालधुनी नदी किनारे टीडीआर लेने के चक्कर में नदी पात्र में दीवार बांधकर निर्माण किए जाने की जानकारी भी आज वनशक्ति संस्था की टीम द्वारा दी गयी।